बीजापुर। बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जारी है। कर्रेगट्टा की पहाड़ियों पर बस्तर के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन चल रहा है।यहां छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र के जवानों ने मोर्चा संभाला है। बिहार व झारखंड से भी सुरक्षा बल पहुंचने की खबर है। जिसमें नक्सली लीडर हिड़मा, दामोदर, बल्ली प्रकाश समेत कई लीडरों के नाम शामिल हैं।
सरकार ने यह ऐलान कर दिया है कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर समेत पूरे देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करना है। इसके बाद जवानों ने कमर कस ली है। नक्सलवाद के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। हर मिशन में जवानों को लगातार बड़ी सफलताएं भी मिल रही। इसी बीच नक्सलियों की तरफ से शांति वार्ता की पेशकश भी की गई। रूपेश जो उत्तर-दक्षिण सबजोनल कमेटी का प्रमुख है, उसने एक पत्र जारी कर लिखा था कि हमें 1 महीने का वक्त दीजिए। हम वार्ता के लिए माहौल तैयार करना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने कोई ढील नहीं दी और इसी कड़ी में बस्तर-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगट्टा की पहाड़ियों पर खूंखार नक्सलियों के इकट्ठा होने की सूचना मिली।
सूचना मिलते ही तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ की फोर्स को मिलाकर एक स्पेशल ऑपरेशन प्लान किया गया. युवा और जांबाज जवानों की टीम तैयार की गई, जो इन दुर्गम पहाड़ियों में टिक सके, लड़ सके और जीत सके। अब तक इस ऑपरेशन को 7 दिन हो चुके हैं. जवानों ने चारों तरफ से पहाड़ियों को घेर लिया है और धीरे-धीरे चोटी की ओर बढ़ रहे हैं। गर्मी ने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अब तक 40 जवान हीटवेव का शिकार हो चुके हैं, जिन्हें एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस ऑपरेशन को सफल बनाने बिहार, झारखंड से भी सुरक्षा बल के जवानों को बुलाया गया है।
करीब 1 महीने का राशन और पहाड़ पर प्राकृतिक पानी के स्रोत नक्सलियों को ताकत दे रहे हैं। ऑपरेशन के दौरान जवानों को एक गुफा भी मिली, जिसमें एक शिवलिंग स्थापित था, लेकिन वहां कोई नक्सली नहीं मिला।
कर्रेगट्टा की पहाड़ियों पर नक्सली लीडर हिड़मा, दामोदर, बल्ली प्रकाश, आजाद ये सभी बड़े सीसी मेंबर मौजूद हैं। इनके साथ चंद्रन्ना, सुजाता, विकल्प, विज्जा, उर्मिला, गंगा, अभय, पापा राव और देवा के अलावा बटालियन नंबर 1 और 2 के लगभग सभी बड़े नक्सली भी वहां मौजूद हैं। यानी अगर ये ऑपरेशन सफल होता है तो बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूट जाएगी।
फिलहाल पुलिस और सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन को निर्णायक दौर में पहुंचा दिया है। हर दिन नक्सलियों के लिए आखिरी सुबह साबित हो रही है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने तीन महिला नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की थी। साथ ही कई हथियार भी बरामद किए गए थे। पुलिस ने साफ कह दिया है कि जब तक नतीजा नहीं निकलेगा ऑपरेशन जारी रहेगा। यह बस्तर के इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन है और अब पूरे देश की नजर इस निर्णायक लड़ाई पर टिकी है।
नक्सल ऑपरेशन को 7 दिन हो चुके हैं। नारायणपुर, कांकेर जिले के सुरक्षा बल कर्रेगुट्टा पहुंचे हैं। इसके अलावा बिहार, झारखंड से भी सुरक्षा बल के जवानों के पहुंचने की खबर है। कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में पहले से ही तीन राज्यों छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के 10 से 12 हजार की संख्या में जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।