रायपुर
विधानसभा में आज से शुरू हुए शीतकालीन सत्र की शुरुआत में हंगामे हुई। विधानसभा में जल जीवन मिशन में टेंडर के नाम पर गड़बड़ी का मुद्दा उठा। विधायक डॉ कृष्णमूति बांधी ने बिलासपुर जिले में जल जीवन मिशन में खेला का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में टेंडर निकालकर फिर उसे निरस्त कर अधिक रेट में टेंडर करके सरकारी खजाने को चूना लगाया गया। बांधी के सवाल के जवाब में पीएचई मंत्री रुद्र गुरू ने सदन को बताया कि 200 में से 80 टेंडर इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि सिंगल या जीरो टेंउर आया था। उन्होंने कहा कि जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है, कमेटी इस पर निर्णय करती है।
विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस खेला पर चिंता जताते हुए कहा कि इतना महत्वपूर्ण योजना होने के बाद भी मंत्री गंभीरता पूवर्क जवाब नहीं दे रहे हैं। बृजमोहन ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रदेश में भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर भी पूरक सवाल पूछते हुए पीएचई मंत्री को घेरा। चंद्राकर ने कहा कि मंत्री सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हें। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन में टेंडर के नाम पर करीब 100 करोड़ की गड़बड़ी की गयी है। इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिये। तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों में ये प्रोजेक्ट पूरा हो गया है. सितंबर 2023 तक इस मिशन का काम ख़त्म करना है. इस पर सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर बीजेपी विधायकों ने वॉक आउट किया.