रायपुर.
कुर्बानी का त्योहार बकरीद शनिवार को मनाई जाएगी। बैजनाथपारा मदरसा के मौलाना शहर काजी मोहम्मद अली फारूकी ने शरई का ऐलान कर दिया है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान जिस तरह मीठी ईद शांति और सौहार्दपूर्वक मनाई गई थी, उसी तरह बकरीद भी मनाई जाएगी। किसी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे । शहर की सभी मजिस्दों और दरगाहों में ईमाम सहित सिर्फ पांच लोग ईद उल अजहा की नमाज अदा करने का फर्ज करेंगे। सबसे पहली नमाज छोटापारा मस्जिद में सुबह 6.20 बजे अदा की जाएगी।
पिछले एक सप्ताह से मुस्लिम समाज के लोग बकरीद मनाने की तैयारियों में लगे हुए थे। कोई जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों से बकरा लाने तो कोई अपने परिचितों, रिश्तेदार जो दूसरे राज्यों में हैं, उन्हें कुर्बानी देने के लिए लोग राशि भेज रहे थे। क्योंकि इस बार बकरा बाजार नहीं लगा। इधर जिला प्रशासन ने शुक्रवार और शनिवार को खरीदारी करने के लिए काफी ढील दिया। 1 अगस्त को बकरीद होने से सुबह 10.30 बजे तक मुस्लिम समाज के लोग खरीदारी कर सकेंगे।
साथ ही मस्जिदों में नमाज पढ़ने का फर्ज भी अदा कर सकेंगे। पहले जैसा माहौल नहीं। कोरोना संक्रमण के कारण पहले जैसा त्योहार मनाने का माहौल नहीं है। क्योंकि तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है। राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी ने प्रदेशभर की मजिस्दों, दरगाह कमेटियों से शांति पूर्वक बकरीद मनाने की अपील करते हुए शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करने कहा है।
घरों में कुर्बानी देने की अपील
शहर काजी मौलाना मोहम्मद अली फारूकी ने समाज के लोगों से कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए घरों में ही नफील चाश्ता की नमाज पढ़ने और कुर्बानी देने की अपील की है। जारी संदेश में कहा है कि तेज आवाज में मस्जिदों से अजान नहीं दी जाएगी। हाफिज के पास कुर्बानी की दुआ पढ़ने वाला कार्ड रहेगा, जिसे पढ़कर वे कुर्बानी देंगे। शांति पूर्वक ईदुज्जोहा मनाएं और शासन के नियमों का पालन करेंगे। कुर्बानी के बाद गोश्त व अवशेष खुले में न फेंके।