रायपुर
ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही दिक्कतों के चलते अब प्रदेश में लाउडस्पीकर के जरिये स्कूलों में पढ़ाई होगी। राज्य सरकार इस बाबत जल्द ही गाइडलाइन जारी करेगी। छत्तीसगढ़ में आनलाइन क्लास में दिक्कतों के मद्देनजर राज्य सरकार अब पढ़ाई के इस नये कांसेप्ट पर विचार कर रही है। शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि राज्य की दस हजार ग्राम पंचायतों में करीब दस लाख बच्चे लाउडस्पीकर से पढ़ाई कर सकेंगे। कक्षा की शुरुआत हर दिन राजगीत से होगी।तस्वीर महासमुंद जिले की है। गांव के एक हिस्से में सभी बच्चे जमा हो जाते हैं। साउंड सिस्टम की मदद से टीचर बच्चों को यहां पढ़ा रहे हैं। इस कॉन्सेप्ट की चर्चा देश में हो रही है। इससे बच्चों में सोशल डिस्टेसिंग भी बनी रहती है। इस कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल इसलिए क्योंकि राज्य के कई गांवों में ऑनलाइन क्लास की प्रक्रिया सफल नहीं ग्राम पंचायत के लाउडस्पीकर या डीजे के साउंड सिस्टम से टीचर पढ़ाएंगे घरों पर बैठे-बैठे बच्चे नोट्स बनाएंगे।प्रदेश में ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही दिक्कतों का नया हल निकाला गया है। इसके वैकल्पिक निदान व कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब लाउडस्पीकर से स्कूलों में पढ़ाई कराई जाएगी। राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक अब सभी जिलों की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक स्कूल में इस योजना पर एक सप्ताह के भीतर अमल करना होगा।पंचायत द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामों में उपलब्ध लाउडस्पीकर या डीजे वालों से सहयोग लेकर साउंड बॉक्स उपलब्ध करवाए जाएंगे। लाउडस्पीकर से शिक्षक बच्चों को पढ़ाना शुरू करेंगे।बच्चे अपने अपने घर या छोटे-छोटे समूहों में बैठकर ध्यान से पाठों को सुनकर नोट करेंगे। ऐसी कक्षाएं हर दिन राज्यगीत के साथ प्रारंभ होंगी। बस्तर और महासमुंद के ग्रामीण इलाकों यह प्रयोग सफल भी रहा है।
शिक्षा मंत्री ने ली जानकारी
प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शनिवार को राजधानी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बस्तर जिले में इस योजना को शुरू करने को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट ली। डॉ. टेकाम ने बताया कि बस्तर जिले में लाउडस्पीकर से 56 पंचायतों में पढ़ाई प्रारंभ हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के दौरान बच्चों की पढ़ाई जारी रखने यह मॉडल बनेगा। यह ऑनलाइन पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था है।