छत्तीसगढ़

शहीदों की सूूची में नहीं जुड़ा है श्याम किशोर शर्मा का नाम ! सालों से अपडेट नहीं है विभागीय बेबसाइड

राजनांदगांव

लगता है कि राजनांदगांव पुलिस के काम का बोझ काफी बढ गया है…, शायद यही कारण है कि पुलिस अपने जिले की विभागीय बेबसाईड को भी दुरूस्त नहीं कर पा रही है। हां…इतना जरूर है कि इन दिनों राजनांदगांव पुलिस ‘फेसबुकिया’ जरूर हो गई है। फेस बुक में रोज किसी न किसी थाने के घटनाक्रम, उपलब्धियां और पुलिस की एक्टीविटी चौबीसों घंटे अपडेट हो रही है। राजनांदगांव पुलिस की विभागीय बेबसाइड अपडेट नहीं होने का नतीजा यह है कि मानपुर अंचल के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में हाल ही चार नक्सलियों को मुठभेड में मारकर शहीद हुए सब इंस्पेक्टर श्याम किशोर शर्मा का नाम शहीदों की सूची में नहीं जुड़ पाया है। यहीं नहीं पुलिस की और भी तमाम जानकारियां राजनांदगांव जिला पुलिस की बेबसाईड में दुरूस्त नहीं है। विभागीय आदेश से लेकर क्राईम स्टेटस और इन्वीस्टीगेशन अफसरों की सूची, थाना प्रभारियों की सूची भी अपडेटेड नहीं हैं। ज्ञात हो कि विभागीय मुख्यालय के निर्र्देशों के अलावा पुलिस को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (1) के तहत भी विभाग की गतिविधियों की जनहित से जुड़ी तमाम जानकारियां कंप्यूटरीकृत और पूरी तरह से अपग्रेट रखनी है। ऐसे में पुलिस विभाग में विभागीय बेबसाईड शाखा पर अधिकारियों की प्रशासनिक लचरता और नियंत्रण नहीं होने का सवाल उठना लाजिमी है?ज्ञात हो कि पूरे प्रदेश में प्रत्येक जिले की पुलिस की अपनी जिला पुलिस बेबसाईड है। इस बेबसाईड में अपराधों की संख्यात्मक जानकारी से लेकर पुलिस की अन्य जनहित संबंधी जानकारियां सार्वजनिक की जानी है। राजनांदगांव जिला पुलिस की बेबसाईड में अपराधों की संख्यात्मक जानकारी 15 अप्रैल 2019 तक ही अपडेट है। इसी प्रकार विभागीय आदेश 10 मार्च 2019 तक ही अपडेट है बाकि इसके बाद पुलिस विभाग में क्या-क्या आदेश जारी हुए हैं, इसकी कोई जानकारी अपलोड नहीं है। इसी प्रकार नक्सल वारदातों में शहीद पुलिस के अधिकारियों और जवानों की सूची भी अपग्रेट नहीं हैं।

42 वें शहादत के बाद आगे का उल्लेख नहीं

राजनांदगांव जिला पुलिस की बेबसाईड में चार दिसंबर 2003 के बाद से कुल 42 शहीदों के नाम सूची में उपलब्ध है जिसकी आखिरी तारिख पांच मई 2018 है। शहीदों की सूची में आखिरी जो नाम है वह है छुरिया बम्हनी चारभांठा के गणेश्वर उर्फ गणेशू उईके। अभी हाल ही एक बड़ी घटना मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में हुई थी, जिसमें सब इंसपेक्टर श्याम किशोर शर्मा वीरगति को प्राप्त हुए थे उसका नाम शहीदों के नामों की सूची में अपडेट नहीं हो पाई है। सवाल यह उठता है कि फेसबुक को अपडेट करने में पुलिस जितना मेहनत कर रही है उतनी मेहनत यदि विभागीय बेबसाईड को अपडेट करने में भी मेहनत करती तो इंन्वीस्टीगेशन अफसरों के नामों से लेकर थाना प्रभारियों के नाम और शहीदों की सूची भी अपडेट हो जाती इसके साथ विभागीय मुख्यालय और आरटीआई की मंशा भी पूरी हो जाती?

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