मुंबई
मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित सहित सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। एनसीपी (SC) विधायक जितेंद्र अव्हाड़ ने सनातन धर्म को लेकर ही विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि सनातन की विचारधारा ही विकृत है और इसने पूरे देश को बर्बाद कर दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए अव्हाड़ ने कहा, कभी किसी धर्म को सनातन धर्म नहीं कहा गया। हम सब हिंदू धर्म को मानते हैं। यह वही तथाकथित सनातन धर्म है जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी खारिज कर दिया था। सनातन धर्म ने हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज को भी बदनाम किया था। इसी सनातन धर्म वाले लोगों ने ज्योतिराव फुले को मारने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा, उन लोगों ने सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंक दिया। सनातन धर्म वालों ने ही साहू महाराज को मारने की साजिश रची। यहां तक कि इन लोगों ने डॉ. आंबेडकर को स्कूल में पानी नहीं पीने दिया। उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा से ही मनुस्मृति का जन्म हुआ है। इसलिए किसी को सनातनी विचारधारा को विकृत कहने से परहेज नहीं करना चाहिए। वहीं बीजेपी ने सनातन आतंकवाद और भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों पर कांग्रेस को घेरा है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। तब वह तुष्टीकरण में लगे थे। अब वही भगवा आतंकवाद और हिंदू आतंकवाद पर बयान दे रहे हैं। बता दें कि गुरुवार को एक विशेष अदालत ने मालेगांव ब्लास्ट के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं करवा पाई है। इसके अलावा एजेंसी की कार्यप्रणाली भी ही नहीं थी। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को मालेगांव ब्लास्ट के पीड़ितों को मदद देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए।
इस मामले में कुल सात आरोपी थे जिनमें साध्वी प्रज्ञा, मेजर रिटायर्ड रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी का नाम था। इस मामले में कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के 323 और आरोपी पक्ष के 8 गवाहो की भी सुनवाई की। 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक वाहन में बम ब्लास्ट होने के बाद कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 95 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।