रायपुर
राजधानी रायपुर में कोरोना को लेकर क्रिसमस और नये साल का जश्न इस बार फीका पड़ने वाला है।रायपुर कलेक्टर डॉ.एस भारतीदासन ने सख्त आदेश जारी किया है। नया साल को लेकर गाइडलाइन जारी की गई इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कार्यक्रम का आयोजन साढ़े 12 बजे तक आयोजन कर सकेंगे। किसी प्रकार से पंडाल व मंच लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का जश्न का कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। हर कार्यक्रम के दौरान पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए। साथ पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाए। जिससे कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उनकी पहचान कि जा सके। वहीं पब, बार, होटल में पार्टी को लेकर यह आदेश जारी किया गया है। आबकारी विभाग द्वारा आदेश जिसके अर्तगत होटल, बार, शॉपिंग माल, रेस्टोरेंट को दोपहर 12 बजे रात्रि 11 बजे तक एवं थ्री स्टार होटलों को रात्रि 12 बजे तक संचालित करने आदेश जारी किया गया है।
जिला प्रशासन के निर्देश के मुताबिक ना तो क्रिसमस और नही नया साल का जश्न सार्वजनिक जगहों पर मनाया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान जुलूस, सभा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन नहीं किया जायेगा। कार्यक्रम में स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत या ज्यादा से ज्यादा 200 लोग ही मौजूद रह सकेंगे। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को कोरोना के गाइडलाइन और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। कार्यक्रम स्थल में सीसीटीवी और वीडियो ग्राफी करानी भी जरूरी होगी। हर हाल में जश्न को 12.30 बजे खत्म करना ही होगा। रात के 11.55. से 12.30 बजे के बीच में ही पटाखे जलाये जा सकेंगे। कार्यक्रम के लिए पंडाल या मंच नहीं लगाया जायेगा। जश्न के दौरान डीजे और बड़े साउंड बाक्स का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। कार्यक्रम स्थल में सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग करन होगा और लक्षण वाले लोगों को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
कार्यक्रम में पान गुटखा खाना बैन होगा। वहीं शराब को लेकर भी गाइडलाइन जिला प्रशासन ने दी है। इसके मुताबिक विदेशी शराब होटल और बार में दोपहर 12 बजे से रात के 11 बजे तक और शापिंग माल और रेस्टोरेंट बार में दोपहर 12 बजे से रात 11 बजे तक और बड़े होटलों में दोपहर के 12 बजे से रात के 12 बजे त इजाजत होगी। वहीं कोविड-19 संक्रमण की वजह से इसाई समाज ने कई आयोजनों पर रोक लगा दी है। यहां तक की चर्च भी सार्वजनिक तौर पर नहीं खुलेंगे, सिर्फ इसाई धर्म से जुड़े लोग प्रार्थना में शामिल होने के लिए चर्च जा सकेंगे। हर साल हजारों लोगों की भीड़ चर्च में जुटती थी। काफी लोग चर्च की सजावट और क्रिसमस सेलिब्रेशन देखने जाया करते थे, मगर इस बार ऐसा नहीं होगा। घर-घर जाकर होने वाला कैरोल गायन और क्रिसमस रैली को कोरोना के खतरे को देख स्थगित कर दिया गया।