रायपुर
हड़ताल को लेकर पटवारी संघ और सरकार आमने-सामने आ गये हैं। आज से शुरू हुई पटवारियों की प्रदेश स्तरीय हड़ताल को राज्य सरकार ने अवैध करार दिया है। इधर राजस्व पटवाली संघ ने ऐलान किया है कि वो कार्रवाई के लिए तैयार है, राज्य सरकार की चेतावनी से वो डरने वाले नहीं है। आपको बता दें कि राजस्व पटवारी संघ लगातार अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर अलग-अलग चरणों में प्रदर्शन कर रहा था। 1 दिसंबर को एक दिनी प्रदर्शन के बाद 2 से 12 दिसंबर तक पटवारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद अब आज से पटवारियों की हड़ताल शुरू हुई है।
इधर राजस्व सचिव रीता शांडिल्य ने आदेश जारी कर पटवारियों के इस आंदोलन को अवैध करार दिया है। राज्य सरकार ने राजस्व पटवारी संघ को संबोधित अपने आदेश में हड़ताल को अनुशासनहीनता करार देते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है। इधर पटवारियों ने दो टूक कहा है कि वो सस्पेंड होने को तैयार हैं, लेकिन अपनी मांगों से पीछे हटना मंजूर नहीं है। राजस्व सचिव ने सभी कलेक्टरों को इस बाबत कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
आपको बता दें कि पटवारियों के हड़ताल से राज्य में कई काम बाधित हो सकते हैं, सबसे ज्यादा नुकसान मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शुरु हुए गिरदावरी सुधार कार्य में होगा, क्योंकि पटवारी के बगैर त्रुटि सुधार ही बंद हो जायेगा। वहीं खरीफ फसल कटाई प्रयोग, लघु सिंचाई संगणना, कृषि संगणना, खरीफ फसल का पूर्वानुमान और भू-अभिलेख से संबंधित काम भी बंद हो जायेंगे।
“हमारी हड़ताल जारी है और जारी रहेगी, हमारी 9 सूत्री मांगें हैं और पूरी तरह जायज मांगें हैं, आज से ही हमारी हड़ताल शुरू हुई है और आज ही राज्य सरकार ने आदेश जारी कर इसे अवैध बता दिया है, हम बता देना चाहते हैं कि पटवारी संगठन डरने वाला नहीं है, हमें कार्रवाई मंजूर है, हम सस्पेंड होने के लिए तैयार हैं, लेकिन अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं है, सरकार को हमें डराने के बजाय हमसे बात करनी चाहिये, ताकि मांगों का समाधान हो सके।