रायपुर
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, विगत दिनों दिनांक 24 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कैबिनेट मंत्री, विधायक और महापौर द्वारा राजधानी रायपुर के जेल रोड देवेन्द्र नगर पहुंच , मुख्यमार्ग में नवनिर्मित ग्लोब चैक और सड़क चैड़ीकरण कार्य का लोकार्पण किया गया। जिस ग्लोब चैक का लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिनांक 24 नवंबर 2020 को किया गया उस लोकर्पित कार्य की निविदा लोक निर्माण विभाग द्वारा 17 नवंबर 2020 को आॅनलाईन सिस्टम टेंडर द्वारा निकाली गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लोकार्पित नवनिर्मित ग्लोबल चौक के निर्माण हेतु लोकर्पण के 13 दिन बाद 7 दिसम्बर 2020 को निविदा डाली जानी हैै यह आश्चर्यजनक है। लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी आॅनलाईन सिस्टम टेंडर के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लोकार्पित नवनिर्मित ग्लोब चैक के निर्माण हेतु 10 दिसम्बर 2020 को लोकर्पण के 15 दिन बाद टेंडर खुलने की तारिख तय की गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पित हो चुके कार्य के निर्माण के लिए लोकार्पण के पश्चात निविदा आंमत्रित करना और उसे खोलने सहित अन्य प्रक्रियाओं का किया जाना बड़े भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और कांग्रेस सरकार में टेंडर की बंदरबाट को उजाकर करता है ।कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को उजाकर करने वाला यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व भी जल जीवन मिशन में हुई गड़बड़ी के मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को पत्र लिखे जाने के बाद दबाव के चलते प्रदेश सरकार को टेंडर रद्द करना पड़ा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लोकार्पित कार्य की टेंडर प्रक्रिया लोकार्पण के बाद हो रही है ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने किस कार्य का लोकार्पण किया है। क्या उनके राज में लोकार्पण के बाद ही टेंडर प्रक्रियाएं होती है? लोक निर्माण विभाग के अनुसार जो कार्य अभी टेंडर प्रक्रिया में है उसका लोकर्पण मुख्यमंत्री ने कैसे कर दिया। लोकार्पण के बाद टेंडर प्रक्रियाओं का सामने आना बड़े टेंडर घोटाले की ओर इशारा करता है। प्रदेश सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा कैसे संभव है।