मध्य्प्रदेश

इंदौर में पश्चिमी रिंग रोड के लिए मुआवजा राशि बढ़कर 1000 करोड़ रुपये हुई , जिससे किसानों को लाभ होगा

इंदौर

 पश्चिमी रिंग रोड की मुआवजा राशि 600 करोड़ रुपये से बढ़कर एक हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआइ) ने इंदौर और धार जिले में पश्चिमी रिंग रोड के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीनों का मुआवजा बढ़ाने का निर्णय लिया है।

इंदौर जिले की तीन तहसीलों में 795 करोड़ रुपये और धार जिले की पीथमपुर तहसील में लगभग 200 करोड़ रुपये का मुआवजा पारित किया गया है। इस मुआवजा राशि के अवार्ड पारित हो चुके हैं, जिससे किसानों के खातों में राशि जल्द ही जमा होगी।
पहले किसान कर रहे थे विरोध

पश्चिमी रिंग रोड को लेकर किसानों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा था। शासन स्तर से निर्देश मिलने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने मुआवजा देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, जिससे किसानों का विरोध समाप्त हो गया। इसके बाद जिला प्रशासन और एनएचआई ने निजी जमीनों का सर्वे और मैपिंग का कार्य किया।

64 किमी लंबे पश्चिमी रिंग रोड में इंदौर और धार जिले की 570.5678 हेक्टेयर भूमि शामिल है, जिसमें 98.5133 हेक्टेयर शासकीय जमीन है। एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि पहले मुआवजे का आकलन कलेक्टर की गाइडलाइन के आधार पर किया गया था।

किसानों की मांग के बाद तहसीलों में जमीनों की औसत बिक्री और खरीदी की जांच कर मुआवजे का पुनः आकलन किया गया। पहले 600 करोड़ रुपये का मुआवजा निर्धारित था, जो अब बढ़कर 1000 करोड़ रुपये हो गया है।
सांवेर में सबसे अधिक 473 करोड़ मुआवजा

सांवेर तहसील में सबसे अधिक 473 करोड़ रुपये का मुआवजा पारित किया गया है। जिले की तीन तहसीलों के 26 गांवों के 998 किसानों को 795 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। सांवेर तहसील के नौ गांवों के 512 किसानों को 473 करोड़ रुपये, देपालपुर के पांच गांवों के 153 किसानों को 140 करोड़ रुपये और हातोद के 12 गांवों के 333 किसानों को 182 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।

धार जिले की पीथमपुर तहसील में भी लगभग 200 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को मिलेगा। इस मुआवजे से किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी और सड़क निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।

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