धर्म

वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में लगाएं गणेश जी की मूर्ति

नई दिल्ली

सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक काम में सबसे पहले महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। क्योंकि उपासना करने से काम सफल होते हैं। वहीं, वर्ष 2025 की शुरुआत बुधवार के दिन से हो रही है, तो ऐसे में गणपति बप्पा की मूर्ति घर लाकर और उनकी विधिपूर्वक पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को जीवन के सभी तरह के विघ्न से छुटकारा मिलेगा। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा का घर में प्रवेश नहीं होगा। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं।

घर में देवी-देवताओं की मूर्ति को विरजमान करने के लिए दिशा का विशेष ध्यान रखना अधिक आवश्यक होता है। ऐसे में आप गणपति बप्पा की मूर्ति को विराजमान करने के लिए वास्तु शास्त्र में बताए गए दिशा के नियम का पालन करें। माना जाता है कि घर की शुभ दिशा में गणपति बप्पा की मूर्ति को रखने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही धन से सदैव तिजोरी भरी रहती है।

इस दिशा में रखें गणेश जी की मूर्ति
अगर आप नए साल के दिन घर में भगवान गणेश की मूर्ति को विराजमान करना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की प्रतिमा को उत्तर-पूर्व दिशा में विराजमान करें। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को प्रभु की कृपा प्राप्त होगी।  

किस दिशा में न रखें मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में भगवान गणेश की मूर्ति को दक्षिण दिशा में नहीं रखनी चाहिए। इससे जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।  

नए साल पर घर लाएं गणेश जी की ऐसी मूर्ति
अगर आप नए साल के दिन घर गणेश जी की मूर्ति ला रहे हैं, तो प्रतिमा लेने से पहले इस बात के बारे में जरूर जान लें कि किस तरह की मूर्ति को घर लाना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ललितासन में बैठे हुए भगवान गणेश की प्रतिमा बेहद शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि यह मुद्रा शांत और शांति का प्रतिनिधित्व करती है।

भूलकर भी न करें ऐसी गलती
    जिस जगह पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान कर रहे हैं, तो उसके आसपास गंदगी न रखें, क्योंकि गंदगी वाली जगह पर देवी-देवताओं का वास नहीं होता है।
    इसके अलावा एक बात का खास ध्यान रखें कि मंदिर के पास कूड़ेदान और शौचालय नहीं होना चाहिए।  

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

 

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