सीएसए का 27वां दीक्षांत समारोह संपन्न, वितरित हुए 63 पदक एवं 649 उपाधियां, छात्र हुए प्रफुल्लित
कानपुर
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के ऑडिटोरियम हॉल (कैलाश भवन) में आज कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की श्री राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की अध्यक्षता में 27वें दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर 63 मेधावियों को पदक एवं पुरस्कार दिए गए।कुल 649 छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई।उपाधियां और मेडल पाकर छात्र-छात्राएं झूम उठे। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 14 छात्र छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक , 14 छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय रजत पदक, 14 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय कांस्य पदक एवं 21 छात्र छात्राओं को प्रायोजित स्वर्ण पदक से नवाजा गया। कुल 49 छात्र छात्राओं को 63 पदक दिए गए।प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि आईसीएआर के महानिदेशक डॉ एम एल जाट और विशिष्ट अतिथि श्री बलदेव सिंह औलख मा. राज्यमंत्री कृषि,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उत्तर प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने मेधावियों को पदक दिए।
इस दौरान पदक धारकों की तस्वीर कुलाधिपति महोदया एवं अतिथियों के साथ ली गई। इस अवसर पर एक से अधिक पदक कई छात्र छात्राओं को मिले। राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदया द्वारा इस अवसर पर संबिलियन विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय कानपुर नगर,कानपुर देहात, रायबरेली एवं फतेहपुर के विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी 03 छात्र-छात्राओं सहित 13 को प्रमाणपत्र,पुस्तकें, पेन, एवं बैग आदि भेंट की। तथा सभी को चॉकलेट भी दी ।तथा 05 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट भेंट की। इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में एक को मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र प्रथम स्थान प्राप्त करने पर दिया गया। जबकि रावतपुर प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक को गवर्नर हाउस से आई पुस्तके भी भेंट की गई।
तथा पांच पुस्तके जिला प्रशासन को भी दी गई।सर्व प्रथम कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। तथा शिक्षण, शोध एवं प्रसार कार्यों के नवाचारो के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आईसीएआर के महानिदेशक डॉ एम एल जाट ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि इस विश्वविद्यालय द्वारा दलहन, तिलहन एवं खाद्यान्न फसलों की 300 से अधिक प्रजातियां निकालकर कृषि क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया है। तथा हरित क्रांति में इस विश्वविद्यालय का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने उपस्थित वैज्ञानिकों तथा छात्रों से कहा कि हमें मांग के अनुरूप शोध करने की आवश्यकता है तथा दलहन और तिलहन फसलों में आत्मनिर्भर होना जरूरी है,साथ ही वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि जलवायु अनुकूल प्रजातियां का विकास करें।उन्होंने गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पाद के लिए कृषि विविधीकरण पर बल दिया। इस अवसर पर कुलाधिपति एवं श्रीराज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने डिजिलॉकर में 649 डिग्रियों को अपलोड किया। तथा सभी उपाधि धारक छात्र छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग सुधारने की अति आवश्यकता है। इसके लिए वैज्ञानिकों/अधिकारियों/छात्र छात्राओं को अथक मेहनत करनी होगी। उपाधि धारक छात्र छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा कि देश में आपके नवाचारों की अति आवश्यकता है साथ ही उन्होंने उपस्थित वैज्ञानिकों से कहा कि श्रीअन्न (मिलेट्स) के क्षेत्रफल को बढ़ावा दिया जाए। डिग्री धारक छात्र छात्राओं से कहा कि वह अपने गांव में अपने खेतों पर जैविक और प्राकृतिक खेती करें। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि लागत को कम किया जाए तथा गौ आधारित प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन दीदी एवं कृषि सखियों के भी चयन से कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ विनीता सिंह ने किया। इस अवसर पर विधायक एव बोर्ड के सदस्य, श्री सुरेन्द्र मैथानी जी,अवधेश कुमार सिंह , विधायक नीलिमा कटियार जी,जिला प्रशासन के अधिकारी गण,सभी अधिष्ठाता गण, निदेशक गण, विभागाध्यक्ष एवं सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।