अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि सर्दियों में पता नहीं उनका वजन कैसे बढ़ जाता है, जबकि वे तमाम हरी सब्जियां और पौष्टिक आहार ही लेते हैं। क्या आपको भी यही लगता है कि सर्दियां अपने साथ बढ़े हुए वजन की सौगात लेकर आती है? असल में जाड़े का मौसम अपने साथ बहुत सारी जायकेदार खाने की चीजें तो लाता है, साथ ही आलस भी दे जाता है। दोपहर की गुनगुनी धूप में मूंगफली चबाना या रात को रजाई में बैठकर गरमागरम गाजर का हलवा खाना भला किसे अच्छा नहीं लगता है। पर, इन जायकों का आनंद लेते-लेते पता ही नहीं चलता कि वजन कब बेकाबू हो गया। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हैं, जो सर्दियों में आपका वजन बढ़ा सकते हैं। लेकिन सर्दियों की शुरुआत में ही अपनी जीवनशैली और खानपान में जरूरी बदलाव करके इस समस्या से बचा जा सकता है। गरिष्ठ भोजन के सेवन के अलावा ऐसे अन्य बहुत से कारण हैं जो ठंडे मौसम में वजन बढ़ा सकते हैं।
दिन छोटे होना
गार्मियों के मौसम में सूरज देर से छिपता है, लेकिन सर्दियों में दिन काफी छोटे होते हैं क्योंकि सूर्यास्त काफी जल्दी हो जाता है। नतीजतन, दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं। इसका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है और सुस्ती का अहसास बहुत जल्दी होने लगता है।
कम शारीरिक गतिविधियां
ठंडे मौसम में शरीर का तापमान भी नीचे गिरने लगता है, जिससे सर्दी का एहसास होता है। ऐसे में सिर्फ गर्माहट में रहने पर ही बेहतर महसूस होता है। जिस वजह से शारीरिक गतिविधियां बहुत ज्यादा सीमित हो जाती हैं और शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा होने लगती हैं।
पानी कम पीना
ठंडे मौसम में प्यास कम लगती है, इसलिए सामान्य से कम पानी पिया जाता है। असल में हमारा शरीर भूख और प्यास के संकेतों में अंतर नहीं कर सकता, इसलिए प्यास लगने पर भी अकसर भूख का ही एहसास होता है और हम पानी पीने की बजाय कुछ खा लेते हैं।
सूरज की कम रोशनी
पर्याप्त मात्रा में सूरज का प्रकाश ना मिलने का सीधा असर हमारे मूड पर पड़ता है और शरीर में सेराटोनिन नामक हैप्पी हार्मोन का स्तर नीचे जाने लगता है। जिसे दोबारा सामान्य स्तर तक लाने के लिए मीठा और कम्फर्ट फूड खाने की तीव्र इच्छा होती है। सूरज की रोशनी की कमी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की समस्या भी पैदा कर सकती है, जिससे शरीर में सुस्ती, उदासी और आलस महसूस होने लगता है।
गरिष्ठ भोजन का सेवन
ठंडे मौसम में शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसीलिए इस मौसम में घी और मीठे का सेवन बढ़ जाता है। वैसे भी ठंडे मौसम में तले हुए पकवान और मिठाइयां लोगों को ज्यादा भाते हैं, जो धीरे-धीरे करके वजन बढ़ा देते हैं।
कैसे रखें वजन पर नियंत्रण
माना सर्दियों में बहुत सुस्ती आती है, लेकिन अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाकर आसानी से वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
संतुलित आहार का सेवन: जंक फूड और तले-भुने भोजन की बजाय घर के बने पौष्टिक और हल्के आहार का सेवन करें। समोसे, कचौड़ी, बर्गर और ऐसे ही तमाम चीजों का लुत्फ कभी-कभी ही उठाएं। साथ ही खाने की मात्रा का भी खयाल रखें।
व्यायाम है जरूरी: गिरते तापमान के बीच रजाई की गर्माहट छोड़कर बाहर निकलकर कसरत करने की हिम्मत नहीं होती है। पर, घर पर हल्का-फुल्का व्यायाम किया जा सकता है। चाहें तो दोपहर के समय पार्क में टहलने चले जाएं। विटामिन-डी मिलने के साथ-साथ सुस्ती भी भाग जाएगी।
भरपूर पानी पीएं: शरीर में पानी की कमी मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है और वजन बढ़ने लगता है। ठंड में भी शरीर में पानी की कमी ना होने दें। यदि हर बार पानी पीने का मन ना करे तो वेजिटेबल सूप, फ्रूट जूस, बिना चीनी वाला नीबू पानी, मसाला चाय, हल्दी वाला दूध और नारियल पानी जैसे पौष्टिक पेय पदार्थों का सेवन करें।
लें भरपूर नींद: बिना वजह देर रात तक जागे रहने से भूख के लिए जिम्मेदार हार्मोन प्रभावित होते हैं और असमय खाना खाने की इच्छा होती है। सही समय पर सोने की आदत डालें।
कैफीन और एल्कोहल से दूरी: कुछ लोग सर्दियों में गर्माहट के लिए कैफीन और एल्कोहल का अत्यधिक सेवन करने लगते हैं, जो सेहत खराब करने के साथ-साथ शरीर में अतिरिक्त कैलोरी भी बढ़ा देते हैं। इससे कुछ देर के लिए रक्तचाप तेज हो जाता है और गर्मी का एहसास होता है। पर, असर खत्म होते ही फिर से सर्दी लगने लगती है। इसलिए इनसे परहेज करें।
बाहर खाना खाते समय: किसी होटल में या शादी-ब्याह में खाना खाते समय पहले सलाद खाएं और बाद में किसी और व्यंजन का सेवन करें ताकि वह ज्यादा ना खाया जा सके।