भिलाई
आईआईटी भिलाई लगातार शोध के कार्यों में आगे बढ़ रहा है। पिछले दिनों कोरोना वीरों की सुरक्षा के लिए सस्ता फेस मास्क बनाया था। इसमें अब और इजाफा किया है। अब ऐसा फेस मास्क बनाया है, जिसका आधे घंटे बाद पुन: उपयोग किया जा सकता है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। यह केवल मुंह और नाक के बजाय पूरे सिर को ढंकता है। आंखों और कानों को भी कवर करता है। इसका सबसे बड़ा लाभ है कि एक बार उपयोग करने के बाद इसे पुन: 30 मिनट के भीतर उपयोग में लाया जा सकता है।
आईआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने काम को दिया अंजाम
डायरेक्टर प्रो. रजत मूना ने बताया कि इस फेस मास्क को मैकेनिकल विभाग ने बनाया है। यह कोरोनावीरों, चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इससे पहले जो फेस मास्क बनाया गया था उसका उपयोग एम्स रायपुर और पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर -9 अस्पताल में किया जा रहा है। इसमें बहुत कम खर्च आया था। इस काम के लिए आईआईटी के शोधकर्ता, संकाय सदस्य, कर्मचारी और छात्र शामिल हैं।
स्वॉब टेस्ट करने वाली मशीन भी बनाई एंटी माइक्रोबियल भी विकसित की है
उन्होंने बताया कि मैकेनिकल विभाग ने फर्स्ट स्टेज पर नाक की जांच के लिए स्वॉब परीक्षण करने वाली मशीन बनाई है। संकाय अध्यक्ष डॉ. निखिल चंदर ने कपड़ों पर नैनो पार्टिकल आधारित एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग विकसित की है।
इंजीनियरिंग लैब में पानी की मशीन भी बनाई गई, हाथ धोने में होगा उपयोग
आईआईटी भिलाई के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग लैब में संपर्क रहित पानी की मशीन बनाई गई है। यह एक आईआर सेंसर आधारित डिवाइस है। इसका उपयोग हाथ धोने या पानी के कियोस्क के लिए किया जा सकता है।