महाराष्ट्र
शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए सीएम होंगे। इस सरकार को भाजपा बाहर से समर्थन देगी। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद संयुक्त पत्रकारवार्ता में ऐलान किया। फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे आज शाम सीएम के रूप में समर्थन लेंगे। इस सरकार को भाजपा बाहर से समर्थन देगी। उन्होंने बताया कि शिवसेना के नेता शिंदे के साथ जो विधायक हैं, उनके साथ भाजपा और कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर यह सरकार बनेगी। फिलहाल सीएम के रूप में शिंदे सीएम बनेंगे। इसके बाद सरकार का एक्सपांसन होगा।और पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ भाजपा के प्रति आभार जताया है।
फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी सरकार का भाजपा ने लगातार विरोध किया। कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन से शिवसेना की सरकार चलाने से शिवसेना के ही विधायकों में रोष था। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों ने उद्धव ठाकरे से मांग की कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रह सकते। उनकी मांग मंजूर नहीं हुई।फडणवीस ने कहा कि उद्धव ने हिंदुत्व छोड़ दिया। विचारों को छोड़ दिया। अपने विधायकों से ज्यादा कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों को महत्व दिया। शिंदे के नेतृत्व में विधायकों ने जो किया, उसे बगावत नहीं बोलते, बल्कि आवाज बुलंद करना कहते हैं। विधायकों ने सरकार से कहा कि आप बाहर निकलिए नहीं तो हम इनके साथ नहीं रहेंगे। ऐसे समय में जब सरकार के पास बहुमत नहीं रहा और सीएम ने इस्तीफा दे दिया।
भाजपा शुरू से ही कहती रही कि यह अंतर्विरोधों की सरकार है। ऐसी सरकार नहीं ज्यादा दिन नहीं चलती। हमने कहा था कि हम महाराष्ट्र को चुनाव में नहीं झोंकेंगे, बल्कि अल्टरनेट गवर्नमेंट देंगे। एकनाथ शिंदे शिवसेना के नेता के रूप में मुख्यमंत्री के रूप में अपना शपथ लेंगे। भाजपा समर्थन देगी।
महाराष्ट्र में 9 फरवरी 1964 को जन्मे एकनाथ शिंदे सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आते हैं और मराठी समुदाय से हैं. एकनाथ शिंदे ने 11वीं कक्षा तक ठाणे में ही पढ़ाई की और इसके बाद वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे. ऑटो रिक्शा चलाते-चलाते एकनाथ शिंदे अस्सी के दशक में शिवसेना से जुड़े गए और पार्टी के एक आम कार्यकर्ता के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू किया है.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सटे ठाणे जिले के सबसे प्रभावशाली नेताओं में एकनाथ शिंदे की गिनती होती है. लोकसभा का चुनाव हो या नगर निकाय का, ठाणे में जीत के लिए एकनाथ शिंदे का साथ जरूरी माना जाता है. हालांकि, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर काम किया और ठाणे के प्रभावशाली नेता आनंद दीघे के उंगली पकड़कर आगे बढ़े.