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अमेरिका ने चीन को एक और कड़ा संदेश, चीन के खिलाफ भारत का हर मोर्चे पर देगा साथ

 
वॉशिंगटन

एक दिन पहले ही चीन के खिलाफ हॉन्गकॉन्ग स्वायत्तता कानून पर हस्ताक्षर के बाद अब अमेरिका ने चीन को एक और कड़ा संदेश दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर चीन मित्र देशों को परेशान करने की कोशिश करेगा तो वह दक्षिण चीन सागर से हिमालय तक अपने मित्र देशों के साथ खड़ा होगा। वर्तमान परिस्थितियों के मुताबिक अमेरिका ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह हर स्थिति में भारत के साथ खड़ा रहेगा।
 अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जब दुनिया कोविड से लड़ रही है तो चीन ने अपने नापाक अभियान को और बढ़ा दिया है। उसे लगता है कि वह जो कर रहा है, वही सही है। ऐसे में दक्षिण चीन सागर के मुद्दों का प्रभाव आर्कटिक, हिंद महासागर, भूमध्यीय सागर के साथ अन्य जलमार्गों पर भी पड़ता है। अमेरिका चीन को लेकर अब कड़ा रुख अख्तियार कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को यूएस में हॉन्गकॉन्ग स्वात्तता कानून पर हस्ताक्षर हुए जो कि उसे चीन को अत्याचार के लिए जिम्मेदार ठहराने के ज्यादा अधिकार देने वाला है।
 
हॉन्गकॉन्ग के रास्ते चीन को पस्त करने की कोशिश
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमने देखा कि हॉन्गकॉन्ग में क्या हुआ। उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई ताकि फ्री मार्केट में वह स्पर्धा न कर सके। मुझे लगता है कि बहुत सारे लोग अब हॉन्गकॉन्ग छोड़ने वाले हैं। हमने एक बहुत ही अच्छा स्पर्धी खो दिया है। हमने उसके लिए बहुत कुछ किया था।' उन्होंने कहा कि अब हॉन्गकॉन्ग को भी कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा। हॉन्गकॉन्ग को भी चीन की तरह ही माना जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका का फायदा उठाया लेकिन बदले में वायरस दिया जिसकी वजह से बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा।
 
अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि विश्व समुदाय उसे इस सागर को समुद्री साम्राज्य की तरह इस्तेमाल नहीं करने देगा। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि हम स्पष्ट कर रहे हैं कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर के अधिकतर इलाकों पर चीन के दावे को अवैध मानता है।

कोरोना को लेकर चीन पर सख्त अमेरिका
ट्रंप ने कहा कि चीन विकासशील देश के नाम पर फायदा उठाता रहा है। उसने अमेरिका का फायदा उठाया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अमेरिका ने हॉन्गकॉन्ग से तरजीही व्यापार का दर्जा भी छीन लिया। डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के लिए भी चीन को एक बार फिर जिम्मेदार ठहराया और WHO को भी घेरा। ट्रंप ने कहा कि WHO चीन के हाथ की कठपुतली बनकर रह गया है।
 

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