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डोनाल्ड ट्रंप ने हॉन्गकॉन्ग स्वायत्तता कानून पर किए हस्ताक्षर, चीन के खिलाफ बड़ा ऐक्शन

 
वॉशिंगटन

अमेरिका और चीन के बीच अब मतभेद और गहराता जा रहा है। इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही हॉन्गकॉन्ग से तरजीही व्यापार का दर्जा भी छीन लिया गया। ट्रंप ने हॉन्गकॉन्ग में दमनकारी गतिविधियों और अत्याचार के लिए चीन को दोषी ठहराते हुए कहा कि इस कानून से चीन को उसके कुकर्मों के लिए जम्मेदार ठहराने के लिए कई शक्तियां मिलेंगी।

राष्ट्रपति ट्रंप ने वाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि हॉन्गकॉन्ग में जो कुछ हो रहा है हम सभी देख रहे हैं। ऐसे में उनकी स्वायत्तता को खत्म करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमने चीन की तकनीक और टेलिकॉम प्रोवाइडर्स का सामना किया। हमें सुरक्षा कारणों से कई देशों को इस बात पर मनाना पड़ा कि हुवावे खतरनाक है। अब यूके ने भी इसे प्रतिबंधित कर दिया है।'

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमने देखा कि हॉन्गकॉन्ग में क्या हुआ। उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई ताकि फ्री मार्केट में वह स्पर्धा न कर सके। मुझे लगता है कि बहुत सारे लोग अब हॉन्गकॉन्ग छोड़ने वाले हैं। हमने एक बहुत ही अच्छा स्पर्धी खो दिया है। हमने उसके लिए बहुत कुछ किया था।' उन्होंने कहा कि अब हॉन्गकॉन्ग को भी कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा। हॉन्गकॉन्ग को भी चीन की तरह ही माना जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका का फायदा उठाया लेकिन बदले में वायरस दिया जिसकी वजह से बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा।

ट्रंप ने कहा, 'विकासशील देश के नाम पर चीन लगातार अमेरिका से फायदा लेता रहा और पिछली सरकारें उसकी मदद करती रहीं। हमारी सरकार ने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए। वह इस योग्य नहीं है। उसकी वजह से आज दुनिया एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रही है।'

WHO पर भी बरसते हुए ट्रंप ने कहा कि यह संगठन चीन की कठपुतली बनकर रह गया है। उन्होंने कहा, 'यह कहने में मुझे कोई गुरेज नहीं है कि पूरी दुनिया में वायरस फैलाना के लिए चीन ही जिम्मेदारी है।'
 

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