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दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका ने चीन के दावे को किया खारिज

नई दिल्ली
दक्षिण चीन सागर (SCS) में चीन के दावों को गैरकानूनी और उसे "स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक" कहकर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने आज अपनी कथित तटस्‍थतावादी नीति को उलट दिया। अमेरिका ने अपने आसियान भागीदारों और जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसा प्रमुख सहयोगियों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का "दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति" पर बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के दो परमाणु ऊर्जा संचालित विमान वाहक पोत निमित्ज़ और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में 120 लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास कर रहे हैं। दोनों विमान खुले तौर पर चीनी परमाणु पनडुब्बी बेस के उत्तर में पीएलए नौसेनिकों के अभ्यास को चुनौती दे रहे हैं। चीन की जानकारी रखने वाले ने बताया, 'पोम्पिओ का बयान न केवल भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों द्वारा खड़े होने के लिए अमेरिका की विशाल राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि दक्षिण चीन सागर फ्रंटलाइन का सुदृढीकरण भी है। बयान ने यह धारणा बदल दी है कि ट्रम्प प्रशासन की तटस्थवादी नीति है। अमेरिका का यह बयान यह इंगित करता है कि अमेरिका फिलीपींस और वियतनाम जैसे अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है और दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ इंडोनेशिया और मलेशिया के दावों को मान्यता दे रहा है।' 

विस्तारवादी सोच को लेकर पीएम मोदी ने भी चीन को घेरा था
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन जुलाई को लद्दाख के अपने भाषण में यह स्पष्ट किया था कि विस्तारवादी शासन के लिए कोई जगह नहीं थी और भविष्य केवल विकास में विश्वास रखने वालों काहोगा। दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका की सोच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से मेल खाती है। फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे इस वर्ष के अंत में भारत का दौरा करेंगे। नौवहन के अधिकार को लेकर अपने स्टैंड को भारत और मजबूत कर सकता है।  

अमेरिकी ने दक्षिण चीन चागर पर चीन के दावे को किया खारिज
अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि विश्व समुदाय उसे (चीन को) इस सागर को समुद्री साम्राज्य की तरह इस्तेमाल नहीं करने देगा। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि हम स्पष्ट कर रहे हैं कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर के अधिकतर इलाकों पर चीन के दावे को अवैध मानता है। इसका कोई कानूनी आधार नहीं है और यह केवल उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश है।

अमेरिका के आरोप को चीन ने अनुचित बताया
अमेरिका के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि चीन इस आरोप को पूरी तरह से अनुचित करार देता है कि वह अपने पड़ोसियों को परेशान करता है। उन्होंने कहा, “अमेरिका इस मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं है। इसके बावजूद वह मामले में लगातार हस्तक्षेप कर रहा है। वह स्थिरता बनाये रखने की आड़ में तनाव को बढ़ावा दे रहा था तथा क्षेत्र के देशों को संघर्ष के लिए उकसा रहा है।”  दक्षिण चीन सागर में चीन और वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई, फिलीपींस, ताइवान के बीच विवाद है। नाइन-डैश-लाइन के नाम से पहचाने जाने वाले इलाके पर चीन अपना दावा पेश करता रहा है और अपने दावों को मजबूत करने के लिए इस क्षेत्र में कृत्रिम द्वीप भी बना रहा है। गौरतलब है कि चीन ने पिछले कुछ दिनों में अपनी नौसेना की मौजूदगी भी इन इलाकों में बढ़ा दी है जिससे दक्षिण चीन सागर में तनाव और बढ़ गया है।
 

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