जयपुर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच मुलाकात से सियासी हलचल पैदा हो गई। तीनों नेताओं के बीच अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर विचार-विमर्श हुआ, लेकिन इस मुलाकता और भी मायनों में देखा जा रहा है। अंता विधानसभा सीट वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के लोकसभा क्षेत्र में आती है। हाड़ौती अंचल को हमेशा से राजे का राजनीतिक क्षेत्र माना जाता रहा है। ऐसे में इस चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। यही वजह है कि भाजपा ने अभी तक अंता सीट से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस चुनाव में राजे की राय को अहम मान रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ उनके आवास पर पहुंचे।
अंता उपचुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जबकि भाजपा में टिकट को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। वसुंधरा राजे कंवरलाल मीणा के परिवार को टिकट देना चाहती हैं, लेकिन पार्टी के भीतर इस पर एकराय नहीं है। कंवरलाल मीणा, जो मनोहरथाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और पहले विधायक भी रह चुके हैं, को स्थानीय नेता बाहरी मानते हैं। इसके अलावा कोर्ट से उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी आपराधिक छवि भी पार्टी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
जातिगत और राजनीतिक समीकरणों के अनुसार पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी इस सीट के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, वसुंधरा राजे उनके नाम पर पूरी तरह सहमत नहीं हैं। कभी प्रभुलाल सैनी को राजे समर्थक नेताओं में शामिल किया जाता था, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद स्थितियां बदल गई हैं।