चंडीगढ़
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी पर ऑनर्स डिग्री के नाम पर कथित धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाते हुए दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी, यूजीसी और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता निपुण गुप्ता ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने तीन वर्षीय एलएलबी ऑनर्स कोर्स का वादा किया था लेकिन कोर्स पूरा होने पर उसे केवल एलएलबी डिग्री दी गई। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने वर्ष 2022 में इस तीन वर्षीय लाॅ प्रोग्राम में प्रवेश लिया था। करीब 22 लाख की भारी-भरकम फीस अदा की। दाखिले के दौरान यूनिवर्सिटी की ओर जारी प्रॉस्पेक्टस, फीस शेड्यूल, ऑफर लेटर और यहां तक कि आईडी कार्ड पर भी कोर्स का नाम स्पष्ट रूप से एलएलबी ऑनर्स अंकित था।
मई 2025 में कोर्स पूरा करने और जून 2025 में डिग्री मिलने पर छात्र को पता चला कि उसमें ऑनर्स शब्द पूरी तरह से गायब है। जब छात्र ने इस विसंगति को लेकर यूनिवर्सिटी से स्पष्टीकरण मांगा तो 8 सितंबर 2025 को जारी अपने लिखित जवाब में विश्वविद्यालय ने कहा कि दस्तावेजों में ऑनर्स का उल्लेख सिर्फ एक टाइपोग्राफिकल या क्लेरिकल एरर था। साथ ही यूनिवर्सिटी ने स्वीकार किया कि वह एलएलबी ऑनर्स डिग्री प्रदान करने के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि यह न केवल भ्रामक बल्कि छात्रों के प्रति धोखाधड़ीपूर्ण आचरण है। ऑनर्स डिग्री का अर्थ अतिरिक्त अकादमिक गहराई और विशेषज्ञता से होता है जो विदेशों में उच्च शिक्षा (जैसे एलएलएम या डाॅक्टरेट) और पेशेवर अवसरों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देती है। छात्र ने कहा कि इस गलती ने उसके कॅरिअर को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। उसने अदालत से अनुरोध किया है कि या तो विश्वविद्यालय उसे संशोधित एलएलबी ऑनर्स डिग्री जारी करें या फिर मानसिक पीड़ा, आर्थिक हानि और कॅरिअर अवसरों के नुकसान के लिए 30 लाख मुआवजा दे। उसने अदालत से मांग की है कि इन संस्थाओं को ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के कार्यों की गहन जांच करने और यदि दोष सिद्ध हो तो मान्यता या लाइसेंस रद्द करने जैसी कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।