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मांझी की सख्त चेतावनी: 15 सीटें नहीं मिलीं तो चुनाव से बाहर रहेंगे

पटना
 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए (NDA) गठबंधन के भीतर सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को बड़ा धमाका करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 15 सीटें नहीं दी गईं, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. मांझी ने साफ शब्दों में कहा कि वे और उनकी पार्टी खुद को “अपमानित” महसूस कर रहे हैं और अब इस अपमान का घूंट और नहीं पिएंगे.

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि “हम अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं. हमारे लोगों को मतदाता सूची नहीं दी गई, हमें बैठकों में नहीं बुलाया गया. ये अपमान का घूंट हम कब तक पिएंगे? मैंने हमेशा एनडीए का साथ दिया है, तो एनडीए का फर्ज बनता है कि हमें अपमानित महसूस न होने दें” मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी 15 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, ताकि उनमें से कम से कम 8-9 सीटों पर जीत हासिल की जा सके. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर 15 सीटें नहीं मिलीं तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे.”
“चिराग से नहीं आपत्ति, पर सम्मान चाहिए”

जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि उन्हें चिराग पासवान से कोई व्यक्तिगत आपत्ति नहीं है. लेकिन, एनडीए में उनकी पार्टी के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह उन्हें और उनके समर्थकों को आहत कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे हमेशा गठबंधन के प्रति वफादार रहे हैं, लेकिन अब वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी को “सम्मानजनक स्थान” मिले. हालांकि मांझी ने इशारों ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि जिनके पास एक सीट भी नहीं है वो बड़ी-बड़ी डिमांड कर रहे हैं.
हमारे पास विकल्प खुले हैं: मांझी

मांझी ने आगे कहा कि उनकी पार्टी के पास सभी विकल्प खुले हैं. “70-80 सीटें ऐसी हैं जहां हमारे बीस हजार वोट पक्के हैं. हम मान्यता प्राप्त पार्टी हैं और छह फीसदी से ज्यादा वोट ला सकते हैं। लेकिन यह हमारा अंतिम विकल्प होगा. हम नहीं चाहते कि हालात वहां तक पहुंचें.” मांझी ने बताया कि 10 अक्टूबर को पटना में पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस पूरे मामले पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वह चुनाव भी नहीं लड़ेंगे.

NDA के लिए मुश्किल स्थिति

एनडीए के अंदर पहले ही चिराग पासवान की सीट डिमांड को लेकर पेच फंसा हुआ है, अब मांझी की यह सख्त बयानबाजी बीजेपी के लिए नई चुनौती लेकर आई है. बीजेपी मांझी को पुराने फॉर्मूले के तहत 7 सीटें देने की पेशकश कर चुकी है, लेकिन मांझी पुराने फॉर्मूले को “अपमानजनक” बताते हुए 15 सीटों पर अड़े हुए हैं.

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