जयपुर
राजस्थान की राजनीति में 2020 के सियासी घटनाक्रम को लेकर एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस सरकार पर निर्दोष भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया, वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने भी गहलोत सरकार को एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए कटघरे में खड़ा किया। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया और शेखावत को वॉइस सैंपल देने की चुनौती दी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा ब्यावर निवासी भरत मालानी और उदयपुर निवासी अशोक सिंह को बरी करना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस सरकार ने 2020 में एसओजी और एसीबी का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे दर्ज कराए। उन्होंने कहा कि निर्दोष व्यक्तियों को जेल में डालकर कांग्रेस ने अपने ही अंदरूनी संघर्ष और सचिन पायलट को कमजोर करने की साजिश छिपाने की कोशिश की। राठौड़ ने इसे कांग्रेस की “नाकाम राजनीति और झूठ की हार” बताते हुए कहा कि जनता कांग्रेस को आने वाले चुनावों में सबक सिखाएगी।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने जोधपुर में पत्रकारों से कहा कि अदालत ने एसीबी और सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है, जिससे साबित हो गया है कि कांग्रेस ने बदले की भावना से झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि सत्य को दबाया जा सकता है, पर समाप्त नहीं किया जा सकता। शेखावत ने गहलोत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल कर लोकतंत्र का गला घोंटा। साथ ही उन्होंने जोजरी नदी परियोजना को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत ने अपने बेटे की हार का बदला लेने के लिए किसानों के हित में बनने वाले प्रोजेक्ट को अटका दिया।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शेखावत और भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि शेखावत इतने ही ईमानदार हैं तो उन्हें ऑडियो टेप मामले में वॉइस सैंपल देने से क्यों डर लगता है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा नेताओं ने 2020 में सचिन पायलट के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि 30 विधायकों को तोड़ने की साजिश, मानेसर ले जाए गए विधायकों, भाजपा नेताओं से हुई मुलाकातें और ईडी-आईटी की छापेमारी सबके सामने है। गहलोत ने शेखावत पर आरोप लगाया कि वे इस पाप से कभी मुक्त नहीं हो सकते।
इस तरह तीनों नेताओं के बयान एक बार फिर राजस्थान की राजनीति को गरमाने वाले साबित हुए हैं। भाजपा जहां कांग्रेस पर झूठे मुकदमों और साजिशों का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस भाजपा को 2020 में सरकार गिराने की कोशिशों का जिम्मेदार ठहरा रही है। अदालत के फैसले के बाद दोनों दल अपनी-अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुट गए हैं।