जयपुर
सांगानेर में एक दलित महिला से पुलिस कांस्टेबल द्वारा दुष्कर्म का मामला राजस्थान विधानसभा में जोरशोर से उठा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा, “जब रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं, तो प्रदेश में कानून-व्यवस्था कैसे कायम रहेगी?” उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी जयपुर में, जो मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र भी है, अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है।
यह मुद्दा तब उठा जब कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर स्थगन प्रस्ताव के तहत बोल रहे थे। इसी दौरान, टीकाराम जूली खड़े हुए और इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा, लेकिन इससे पहले कि वे अपनी बात पूरी कर पाते, उनका माइक बंद कर दिया गया। इस पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दबाने का आरोप लगाया।
गहलोत का सरकार पर हमला
इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सरकार की आलोचना करते हुए इसे कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति करार दिया। हालांकि, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है आरोपी कांस्टेबल को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
जयपुर के सांगानेर में 8 मार्च (महिला दिवस) को एक गर्भवती दलित महिला से पुलिस कांस्टेबल भागाराम ने दुष्कर्म किया। आरोप है कि कांस्टेबल महिला का बयान दर्ज कराने के बहाने उसे घर से ले गया। इस दौरान, महिला का तीन साल का बेटा भी मौजूद था। आरोपी ने महिला के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और दुष्कर्म किया। महिला के पति ने आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके बाद उसे निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया।