राज्य

पुल का एप्रोच सड़क ढहने के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर

पटना 
बिहार के गोपालगंज में सत्तरघाट पर बने एक छोटे पुल का एप्रोच सड़क ढहने के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर लिखी गई है. बैकुंठपुर थाने में सीओ, ठेकेदार और पुल निगम के इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है. गौरतलब है कि बुधवार को गंडक नदी के दबाव से एप्रोच सड़क ढह गया था.

सीओ ने जिला परिषद सदस्य रवि रंजन उर्फ विजय बहादुर के साथ समर्थकों पर लॉकडाउन तोड़ने की एफआईआर दर्ज कराई है. ठेकेदार उदय सिंह ने फैजुल्लाहपुर के मुखियापति उदय सिंह समेत ग्रामीणों पर निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज कराई. इसके अलावा पुल निगम के इंजीनियर ने अज्ञात ग्रामीणों पर जबरन पुल निगम का जेसीबी लेकर सड़क काटने और कार्य में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज कराई है. हालांकि, सड़क ढहने के मामले में किसी भी अफसर या ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गई है.

कल ही पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा था कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है. बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है. यह प्राकृतिक आपदा है. इसमें तो सड़कें बह जाती है, पुल टूट जाते हैं. पानी जब बढ़ता है तो ऐसी स्थितियां पैदा होती हैं जैसे ही पानी का बहाव कम होगा, उसे ठीक किया जाएगा. इसके साथ ही बिहार सरकार ने दावा किया था कि 264 करोड़ की लागत से बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है. सरकार की ओर से बकायदा एक वीडियो जारी किया गया है. मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल में 3 छोटे ब्रिज हैं. सत्तरघाट ब्रिज से 2 किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है.

 

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