राज्य

सांसद बर्क को हाई कोर्ट से लगा झटका, FIR रद्द करने की मांग खारिज

संभल
 यूपी के संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हाई कोर्ट से झटका लगा है। शुक्रवार को अदालत ने बर्क की एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि सांसद बर्क को पुलिस की जांच में सहयोग करना होगा। हाई कोर्ट ने फिलहाल बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। संभल पुलिस ने हिंसा मामले में सांसद बर्क को भी आरोपी बनाया है। संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इसके चलते पांच लोगों की मौत हुई और 20 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे।

इस मामले में संभल पुलिस ने बर्क को मुख्य आरोपी बनाया है। हालांकि, उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। सांसद का तर्क है कि उनकी गिरफ्तारी से उन्हें अपूरणीय क्षति होगी और वह घटना के दौरान संभल में मौजूद नहीं थे। बर्क के अनुसार, संभल में हिंसा के दौरान वह उस समय बेंगलुरु में थे और एफआईआर के बारे में जानने के बाद उन्होंने मामले को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली में ही रहने का फैसला किया। सांसद का कहना है कि उन्होंने समुदाय के सदस्यों से संपर्क किया और उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह किया।

बर्क पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप

संभल पुलिस ने बर्क पर हिंसा से कुछ दिन पहले मस्जिद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया। उनका दावा है कि उनके बयान के बाद ही अशांति भड़की थे। इसके अलावा एफआईआर में स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का भी नाम है, जो इस घटना में कथित तौर पर शामिल है।

बर्क ने अपनी याचिका में आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरोप उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा हैं। शाही जामा मस्जिद को मंदिर के ऊपर बनाए जाने के दावों के बाद बढ़े तनाव के बीच हिंसा भड़की। पत्थरबाजी और आगजनी के साथ स्थिति और बिगड़ गई, जिसमें कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

Leave a Reply

Back to top button