कानपुर
कानपुर के बिकरू गांव में मुठभेड़ के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर सीओ देवेंद्र मिश्रा की जान बचाने का प्रयास करने वाले होमगार्ड को इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 6 लाख रुपये मिले हैं। मुठभेड़ में घायल हुए होमगार्ड की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। होमगार्ड जयराम कटियार पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। शासन ने इलाज के लिए 6 लाख की धनराशि अस्पताल प्रशासन के खाते में ट्रांसफर की है। जयराम कटियार के पेट और पैर में गोली लगी है, उनका इलाज शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है।
बता दें कि 2-3 जुलाई की रोत को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई पुलिस पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। जिसमें बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा गोली लगने से घायल हो गए थे। दबिश में शामिल होमगार्ड ने जान की परवाह न करते हुए सीओ को बदमाशों की फायरिंग रेंज एरिया से खींच कर बाहर ले आए थे। गंभीर रूप से घायल सीओ देवेंद्र मिश्रा होमगार्ड की पीठ पर चढ़कर दीवार फांदकर एक घर के आंगन में कूदकर छिप गए थे। बदकिस्मती से वो घर विकास दुबे के मामा प्रेमप्रकाश पांडेय का था। पीछे से आए बदमाशों ने होमगार्ड को गोली मारने के बाद सीओ को घर के आंगन में घेर लिया था। बदमाशों ने सीओ के सिर पर कई फायर कर उनकी जान लेली थी और उनके पैर पर कुल्हाड़ी से हमला किया था।
हमले में शहीद हो गए थे सीओ देवेन्द्र मिश्रा
गैंगेस्टर विकास दुबे ने अपने गुर्गो के साथ मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की निर्मम हत्या दी। इस हत्याकांड में बदमाशों ने सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा की भी नृंशस हत्या की थी। पुलिस टीम में शामिल होमगार्ड जयराम ने अपनी बहादुरी का परिचय दिया था। जयराम ने अपनी जान पर खेलकर सीओ को बचाने का प्रयास किया था, लेकिन बदमाशों की गोलियों के सामने बेबस हो गए। होमगार्ड जयराम कटियार शिवराजपुर एसओ महेश यादव के हमराही की ड्यूटी कर रहे थे, दबिश के दौरान मुठभेड़ में महेश यादव शहीद हो गए थे।
होमगार्ड ने अपनी पीठ पर बैठाकर फंदाई थी दीवार
दबिश के दौरान हुई मुठभेड़ में सीओ देवेंद्र मिश्रा गोली लगने से घायल हो गए थे। गंभीर रूप से घायल सीओ किसी तरह से एक पेड़ के पीछे छिप गए थे, लेकिन सीओ बदमाशों की फायरिंग रेंज में थे। वहां मौजूद होमगार्ड जयराम बदमाशों की फायरिंग रेंज में घुसकर किसी तरह से सीओ को खींचकर एक मकान की दीवार के पास ले आए थे। सीओ जब होमगार्ड की पीठ पर चढकर दीवार फांद रहे थे तो बदमाशों ने देख लिया था। पीछे से आए बदमाशों ने होमगार्ड के दो गोलियां मारने के बाद, घर के अंदर से सीओ ढूंढ निकाला और सिर पर कई गोलियां दाग दी थीं।
परिवार की जिम्मेदारी थी
मुठभेड़ खत्म होने के बाद जब कई थानों का फोर्स बिकरू गांव पहुंचा तो होमगार्ड जयराम के सांसे चल रही थीं। उन्हे गंभीर हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि होमगार्ड का उपचार करा सके। इसके साथ ही जयराम कटियार घर के अकेले कमाने वाले थे, उनके उपर परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी। इन हालातों में परिवार टूट गया था। मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए आर्थिक मदद मिलने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली है।