नई दिल्ली
कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे मंगलवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच के बाद काफी निराश थे। उनकी टीम 112 रन के लक्ष्य तक का पीछा नहीं कर पाई। वह अगर रिव्यू लिए होते तो उन्हें पवैलियन वापस नहीं लौटना पड़ता और तब नतीजे भी शायद उलट होते। रहाणे ने हार के लिए कोई बहानेबाजी नहीं की और सारी जिम्मेदारी खुद पर ली है। इस शिकस्त की टीस उनके चेहरे और उनके शब्दों में साफ झलक रही थी। मैच के बाद जब वह विजेता कप्तान श्रेयस अय्यर से हाथ मिला रहे थे तब भी उनका ये दर्द छलका। उन्होंने अय्यर से कहा, 'क्या फालतू बैटिंग की ना हमने।'
अय्यर के सामने छलका रहाणे का दर्द
मैच खत्म होने के बाद जब दोनों टीमों के खिलाड़ी कतार में होकर एक दूसरे से हाथ मिला रहे थे, तब रहाणे ने विरोधी कप्तान श्रेयस अय्यर से मुंबइया अंदाज में मराठी में कहा, 'काय फालतू बैटिंग केली ना आम्ही।' हिंदी में इसका मतलब हुआ कि क्या फालतू बैटिंग की ना हमने। इस दौरान उन्होंने मुस्कुराने की कोशिश तो खूब की लेकिन हार की टीस चेहरे पर उभर ही गई।
रहाणे अगर रिव्यू लिए होते तो आउट नहीं होते
जीत के लिए 112 रनों के लक्ष्य का पीछा करते वक्त एक समय कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का स्कोर 7.3 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 62 रन था। टीम मजबूत स्थिति में दिख रही थी। लेकिन तभी रहाणे के आउट होने से पूरा पासा ही पलट गया। पंजाब के स्पिनर युजवेंद्र चहल ने एक गुगली फेंकी और गेंद उनके पैड से टकरा गई। अंपायर ने उंगली उठा दी। रहाणे ने तब साथी बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी से कुछ देर चर्चा की। लगा कि वह रिव्यू लेंगे लेकिन वह पवैलियन लौट गए। बाद में रिप्ले से पता चला कि गेंद ऑफ स्टंप से बाहर निकलती दिख रही थी।
रहाणे के आउट होते ही भरभरा गई कोलकाता की बल्लेबाज
रिव्यू न लेने का उनका फैसला इस टूर्नामेंट में अबतक का सबसे खराब फैसला साबित हुआ। उनके आउट होते ही कोलकाता की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। स्कोर बोर्ड में सिर्फ 17 रन और ही जुड़े थे कि केकेआर ने अगले 5 विकेट गंवा दिए। आखिरी उम्मीद आंद्रे रसेल थे लेकिन आखिरी जोड़ी होने का दबाव ऐसा था कि वह भी बिखर गए। 95 रन पर पूरी कोलकाता आउट हो गई और उसे 16 रनों से हार का सामना करना पड़ा।