पॉलिटिक्स

अब संजय निरुपम पर लटकी तलवार, पार्टी से बाहर कर सकती कांग्रेस

मुंबई
कांग्रेस पार्टी अब पूर्व सांसद और मुंबई कमिटि के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार मुंबई कांग्रेस कमिटि चीफ एकनाथ गायकवाड़ ने शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपकर निरुपम को हटाए जाने का अनुरोध किया है। कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी प्रवक्ता संजय झा को भी निलंबित कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने बताया, 'सचिन पायलट के प्रकरण के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटि ने पार्टी विरोधी और अनुशासनहीनता के कार्यों में संलिप्त लोगों के खिलाफ ऐक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। ट्वीट करने वाले कुछ नेता भी AICC के राडार पर हैं।' वहीं संजय निरुपम ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मेरे हालिया बयान और ट्विट्स किसी भी तरह से पार्टी विरोधी गतिविधि का हिस्सा हैं।'

'महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस का कोई रोल नहीं'
इस मसले पर निरुपम ने हमारे सहयोगी अखबार टीओआई से कहा, 'पहले ही दिन से मेरा मत स्पष्ट है। महाविकास अघाड़ी बनाना ही नहीं चाहिए था। अभी भी सरकार में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है। सारा काम शिवसेना और एनसीपी मिलकर कर रहे हैं। पिछले 6 महीनों में मुंबई में कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी नहीं दिखी है। पूरी पार्टी ही क्वारंटीन हो गई है।'

सोनिया-राहुल के खिलाफ भी रहे थे मुखर
पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान भी निरुपम ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में दो ग्रुप हैं, जिनमें से एक सोनिया गांधी तो वहीं दूसरा राहुल गांधी की अगुवाई वाला है। उन्होंने सोनिया के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल पर भी निशाना साधा था।

उद्धव के खिलाफ संपत्ति खरीद में जांच की मांग
निरुपम ने राज्य के कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार तक नहीं करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही वह एनसीपी और शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के पक्षधर भी नहीं थे। उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे के मातोश्री बंगले के पास में संपत्ति की खरीद के मामले में भी जांच की मांग की थी। इस पर शिवसेना ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के समक्ष कड़ा विरोध भी दर्ज कराया था।

सचिन पायलट को रोकने की दी थी सलाह
अभी हाल ही में सचिन पायलट के मामले में भी संजय निरुपम ने उन्हें रोकने की अपील की थी। निरुपम ने कहा था कि अगर ऐसे ही एक-एक करके सभी लोग चले जाएंगे तो फिर पार्टी में बचेगा कौन? इसलिए यह ना सोचें कि जिसे जाना हो वो जाए, ऐसी सोच आज के संदर्भ में गलत है। सचिन पायलट को समझाएं और रोकें।

संजय निरुपम ने पत्रकारिता का पेशा छोड़कर शिवसेना जॉइन किया था। वह 1996 में राज्यसभा के लिए नामित भी हुए थे। लेकिन बाद में उन्होंने शिवसेना छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रे ने भी उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया। 2009 में वह मुंबई नॉर्थ सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। लेकिन 2014 और 2019 में बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने बड़े अंतर से उन्हें हराया था। वह 2017 से लेकर 2019 तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।

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