पॉलिटिक्स

नौजवानों में सब्र नहीं है पार्टी ने दोनों को कहीं ज़्यादा सम्मान और महत्व दिया-दिग्विजय सिंह

अशोकनगर
राजस्थान  में कांग्रेस नेता सचिन पायलट  के बगावती तेवर की वजह से मची उठापटक के बीच कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बयान आया है. उन्होंने कहा इन नौजवानों में सब्र नहीं है. इन दोनों युवा नेताओं को पार्टी ने बहुत सम्मान दिया. सिंह ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उस दुश्मन से हाथ मिलाया, जिससे वह हार चुके हैं. वरिष्‍ठ नेता ने कहा कि दोनों नेताओं ने पार्टी अनुशासन के खिलाफ काम किया, जिसमें मुझे दुख है.

राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल चिंतित हैं. वहीं, इसे मध्य प्रदेश में कुछ माह पहले हुए राजनीतिक घटनाक्रम का दोहराव भी माना जा रहा है. बहरहाल, नतीजा कुछ भी हो लेकिन इसे लेकर नेताओं के बयान जरूर सामने आने लगे हैं. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस को लेकर बयान दिया. उन्होंने अपने मित्र और सहयोगी स्व. माधव राव सिंधिया और  स्व. राजेश पायलट को याद करते हुए कहा उन दोनों ने पार्टी और देश के लिए इतना योगदान दिया. उनके बेटों ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश और सचिन पायलट को राजस्थान में कांग्रेस ने बहुत सम्मान दिया. बेहद कम उम्र में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर बैठाया. अब वे ही उस दुश्मन से हाथ मिला रहे हैं, जिससे वे हार चुके हैं. दिग्विजय सिंह ने यह बात खासतौर से ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कही.

जिससे हारे,उसी से हाथ मिला लिया
दिग्विजय सिंह ने कहा- मुझे दुख है जिन नौजवानों को कांग्रेस ने सब कुछ दिया, वही आज उन लोगों से हाथ मिला रहे हैं जिनसे हारे हैं. दिग्विजय सिंह ने आगे कहा-माधवराव सिंधिया जी का देश सेवा और कांग्रेस पार्टी में अद्भुत योगदान रहा. उनका दुखद देहांत हो गया.ज्योतरादित्य सिंधिया जी का वैसा ही सम्मान रहा. उन्हें सांसद बनाया गया. केंद्र में मंत्री बनाया गया. एमपी की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गयी. कांग्रेस का महामंत्री बनाया गया. ज्योतिरादित्य को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष का भी ऑफर दिया गया था पर वो नहीं मानें. उन्होने उसी पार्टी मे शामिल होना ठीक समझा जिसने उन्हें हराया. यानि दुश्मन से हारने के बाद दुश्मन से हाथ मिला लिया.हमें ऐसी उम्मीद ज्योतरादित्य जी से नहीं थी.

मुझे दुख है…

दिग्विजय सिंह ने कहा वही हालत सचिन पायलटजी की है. उनके पिता राजेश पायलट जी ने बेहद ईमानदारी और निष्ठा के साथ कांग्रेस पार्टा का साथ दिया. कांग्रेस ने उन्हें कैबिनेट में रखते हुए हर काम में आगे बढ़ाया, सचिन को 26-27 की उम्र में एमपी बना दिया. सेंट्रल कैबिनेट में मिनिस्टर बनाया गया. राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया और फिर डिप्टी सीएम पद भी दिया.अभी उनकी उम्र ही क्या है 37-38 साल के हैं, थोडा सा धैर्य रखो.दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि कितने ऐसे लोग हैं जो इतनी तेजी से राजनीतिक पायदान पर ऊपर चढ़े हैं. लेकिन जैसा सचिन पायलट ने किया वो कांग्रेस पार्टी के अनुशासन और नीतियों के खिलाफ है. मुझे इस बात का दुख है.इन नौजवानों में सब्र नहीं है. राजनीति में सब्र होना चाहिए.सब्र होने से ही व्यक्ति आगे बढ़ता है. लोग ये भूल जाते हैं कि देश की आजादी के लिए जिन लोगों ने वर्षों जेल में काटे उसके बाद 60-65 साल की उम्र मे उन्हें कुछ मिला.ये जो कुछ हुआ वो अच्छा नहीं हुआ, हमें इसका दुख है.

नौजवानों में सब्र नहीं है
दिग्विजय सिंह ने कहा कि इन नौजवानों में सब्र नहीं है. पार्टी ने समय से पहले और इतने कम समय में दोनों को कहीं ज़्यादा सम्मान और महत्व दिया. उल्लेखनीय है कि प्रदेश की जिन 24 सीटों पर आगामी समय में उपचुनाव होना है उनमें से 2 सीटें अशोकनगर जिले में हैं. दिग्विजय सिंह अल्प प्रवास पर दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे.

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