जयपुर
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर मंगलवार रात को राज्य कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई मंत्री शामिल हुए। सचिन पायलट पर कांग्रेस की कार्रवाई के बाद गहलोत की यह पहली कैबिनेट बैठक थी। कांग्रेस ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के विरुद्ध सख्त कदम उठाते हुए उन्हें मंगलवार दोपहर को उप-मुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया था। इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री जनसम्पर्क प्रकोष्ठ द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज सीएम निवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 13 जिलों के लिए महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाने के लिए भारत सरकार को भेजने के प्रस्ताव के अनुमोदन सहित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वहीं, कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास से फेयरमोंट होटल के लिए राजस्थान के मंत्री रवाना हो गए।
उधर, राजस्थान में मंगलवार को घटे घटनाक्रम के बाद फिलहाल कांग्रेस सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नजर आ रहा है और इस बात की संभावना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करें। दूसरी तरफ, दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पायलट आगे क्या कदम उठाते हैं। कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद पायलट ने अपने पहले बयान में कहा कि 'सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।' पायलट के खिलाफ कार्रवाई के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंत्रणा की। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पायलट को मनाने का प्रयास किया, लेकिन विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की कई। पायलट और उनके समर्थक विधायक सोमवार एवं मंगलवार को हुईं कांग्रेस विधायक दल की दोनों बैठकों में नहीं पहुंचे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद पायलट और उनके समर्थक मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसलों की जानकारी दी और दावा किया कि गहलोत सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र में पायलट भी शामिल थे।