पॉलिटिक्स

भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जनवरी-फरवरी में मिल सकता है, आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की तैयारी…

नई दिल्ली
भाजपा को नया अध्यक्ष अगले सााल जनवरी-फरवरी में मिल सकता है। इसके लिए कुछ केंद्रीय मंत्रियों समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं। हालांकि, इस बारे में फैसला होने से पूर्व भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं के बीच जनवरी के दूसरे सप्ताह में अनौपचारिक बैठक हो सकती है। इसके पहले पार्टी आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में नये अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी।

भाजपा नेतृत्व नये अध्यक्ष को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। वह संगठन स्तर पर अपनी स्थिति को व्यापक व मजबूत करने के साथ आगे बढ़ रहा है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्र में मंत्री बनने के बाद भी अपना दायित्व निभा ही रहे हैं और संगठन स्तर पर भी पूरी तरह सक्रिय हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि संगठन चुनाव चल रहे हैं। जनवरी-फरवरी में नया अध्यक्ष संगठन को मिल जाएगा। दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर इस नेता का कहना है कि यह संगठन पर निर्भर करेगा कि उसकी उस समय की प्राथमिकताएं और जरूरतें क्या हैं। चूंकि नया अध्यक्ष 15 जनवरी के बाद आना है, इसलिए अगर चुनाव के चलते संगठन एक माह का और समय लेता है तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है।

दरअसल, भाजपा अध्यक्ष के चयन के पहले पार्टी व संघ के नेताओं के बीच नये नेता को लेकर चर्चा होना बाकी है। अभी जो नाम चर्चा में है, वह अनुमानों पर है। सूत्रों के अनुसार, अभी तक न तो भाजपा नेतृत्व ने किसी नाम को लेकर संघ से चर्चा की है और न ही संघ ने किसी नाम का सुझाव दिया है। संभवतः जनवरी के दूसरे सप्ताह में भाजपा व संघ के शीर्ष नेताओं के बीच इस बारे में अनौपचारिक बैठक होगी, जिसमें नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा होगी। जिन नामों की चर्चा है उनमें केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर, भूपेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर, जी. किशन रेड्डी आदि शामिल हैं।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्यों के संगठन चुनावों में आधा दर्जन से ज्यादा प्रदेशों में नये अध्यक्ष आना तय हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात शामिल हैं। संगठन चुनावों की मौजूदा स्थिति में अधिकांश राज्यों में मंडल अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो चुके हैं। इस माह के अंत और जनवरी के पहले सप्ताह तक जिलों के चुनाव पूरे किए जाने की तैयारी है। इसके बाद राज्यों के चुनाव होंगे।

क्या कहता है बीजेपी का संविधान?

भारतीय जनता पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले कम से कम आधे राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव खत्म पूरे जाने चाहिए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है. हालांकि 2024 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए जेपी नड्डा के कार्यकाल को आगे बढ़ा दिया गया था.
2020 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे नड्डा

फरवरी 2020 में जेपी नड्डा को बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. नड्डा पार्टी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके बाद जनवरी 2023 में नड्डा का कार्यकाल पूरा हो रहा था उससे पहले ही अमित शाह ने कहा कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया. तब से लेकर अभी तक नड्डा बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

अब बीजेपी का नया अध्यक्ष सरकार या संगठन किसी से भी हो सकता है. बीजेपी का राष्ट्रीय पार्टी या फिर संगठन से कोई भी हो सकता है. अभी तक किसी का भी नाम सामने नहीं आया है. आने वाले कुछ दिनों में इसे लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है.

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