चंडीगढ़
संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान पर सियासी लड़ाई ने अब हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। चंडीगढ़ नगर निगम की मीटिंग के दौरान इस मुद्दे पर कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपस में भिड़ गए। उनके बीच हाथापाई की भी खबर है। इसकी शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस और आप के पार्षदों ने आंबेडकर के खिलाफ कथित टिप्पणी के विरोध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ एक प्रस्ताव के जरिए उनसे इस्तीफे की मांग की। भाजपा के पार्षदों ने इसका पुरजोर विरोध किया लेकिन धीरे-धीरे यह विरोध हिंसक हो गया और पार्षद आपस में ही उलझ पड़े।
हाथापाई की ये घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। बाद में इसका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। समाचार एजेंसी PTI ने उस वीडियो को साझा किया है। उसमें पार्षद हाथापाई करते नजर आ रहे हैं।
सारा विवाद नामित पार्षद अनिल मसीह के सदन में पहुंचने के बाद शुरू हुआ क्योंकि उनके पहुंचते ही कांग्रेस और आप के पार्षद नारेबाजी करने लगे। ये पार्षद अनिल मसीह को वोट चोर कहकर नारा लगा रहे थे। इससे मसीह को गुस्सा आ गया और वे बेल में चले गए। उन्होंने कांग्रेस पार्षदों से भिड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के कई नेता जमानत पर हैं। इसके बाद आप के पार्षदों और कांग्रेस के पार्षदों ने मसीह के सामने पोस्टर लहराना शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा के पार्षदों ने उनसे पोस्टर छीनने की कोशिश की। इसमें उनके बीच झड़प और हाथापाई हो गई।
कुछ पार्षद तो हाथापाई के दौरान कैमरे की ओर देखते हुए भी पकड़े गए, लेकिन इससे उनका प्रयास नहीं रुका। विपक्षी दलों ने शोर-शराबे के बीच अमित शाह पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया ।