गुवाहटी
यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं. असम सिविल सेवा (ACS) की एक युवा अधिकारी, जिन्हें कभी प्रशासनिक जगत का उभरता सितारा माना जा रहा था, अब जेल की सलाखों के पीछे हैं. मुख्यमंत्री की विशेष सतर्कता शाखा (Special Vigilance Cell) की छापेमारी में करोड़ों की काली कमाई उजागर हुई है.
करोड़ों की बरामदगी, सभी हुए हैरान
कामरूप जिले के गोरैमरी में तैनात सर्किल ऑफिसर नूपुर बोरा को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों की टीम ने उनके ठिकानों पर दबिश दी तो नतीजे देखकर सभी दंग रह गए. गुवाहाटी स्थित घर से 92 लाख रुपये नकद और लगभग 1 करोड़ रुपये के गहने बरामद हुए. बरपेटा में किराए पर लिए मकान से भी 10 लाख रुपये नकद मिले. यानी पांच साल की सेवा में इस अधिकारी ने जो अकूत संपत्ति इकट्ठा की, उसने सरकार से लेकर आम जनता तक सबको चौंका दिया.
एक उभरते चेहरे से गिरफ्तारी तक का सफर
गोलाघाट जिले की रहने वाली नुपुर बोराह ने 2019 में सिविल सेवा में प्रवेश किया था. उस समय उन्हें मेहनती और उम्मीद जगाने वाली अफसर के तौर पर देखा जाता था. परिवार और समाज के लिए वह गर्व का कारण थीं. लेकिन प्रशासनिक ज़िंदगी का यह सफर अचानक ही भ्रष्टाचार और अवैध सौदों की कहानी बन गया.
पिछले छह महीनों से उन पर गुप्त निगरानी रखी जा रही थी. आरोप था कि वह ज़मीन से जुड़े सौदों में गड़बड़ी कर रही हैं और कथित तौर पर मोटी रकम ले रही हैं. आखिरकार आरोपों पर कार्रवाई हुई और उनकी गिरफ़्तारी के साथ ही पूरा मामला सुर्खियों में आ गया.
करीबी सहयोगी पर भी शिकंजा
सतर्कता विभाग ने सिर्फ बोराह पर ही कार्रवाई नहीं की. टीम ने उनके करीबी माने जाने वाले बरपेटा राजस्व सर्किल ऑफिस के कर्मचारी लाट मंडल सुरजीत डेका के घर पर भी छापा मारा. जांचकर्ताओं का शक है कि बोराह और डेका ने मिलकर बरपेटा में कई ज़मीनें खरीदी हैं. अब इन संपत्तियों की जांच की जा रही है.
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए साफ कहा कि नुपुर बोराह ने बरपेटा में सर्किल ऑफिसर रहते हुए हिंदुओं की ज़मीन संदिग्ध व्यक्तियों को ट्रांसफर की. इसके बदले उन्होंने मोटी रकम ली. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राजस्व विभाग में, खासकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में फैले भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
आलीशान जीवनशैली पर सवाल
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा नुपुर बोराह की आलीशान जीवनशैली. उनकी आधिकारिक हैसियत एक सर्किल ऑफिसर की थी, लेकिन छापेमारी में जो संपत्ति और सोना-जवाहरात मिले, उन्होंने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. सवाल उठ रहे हैं कि सिर्फ पांच साल की नौकरी में इतनी संपत्ति कहां से आई?
लोगों ने किए खूब कमेंट
सोशल मीडिया पर इस खबर ने तूफान मचा दिया है. कुछ लोगों ने लिखा कि आम नागरिक मामूली काम के लिए राजस्व दफ्तरों के चक्कर काटते हैं और वहीं अफसर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. एक अन्य यूज़र ने कहा कि यही वजह है कि ज़मीन से जुड़े मामले आम जनता के लिए कभी आसान नहीं होते. भ्रष्टाचार की जड़ यही है.
अब आगे क्या?
फिलहाल नुपुर बोराह जेल में हैं और सतर्कता विभाग उनकी संपत्ति और लेन-देन की गहन जांच कर रहा है. उनके बैंक अकाउंट, संपत्तियों और ज़मीन सौदों की जानकारी खंगाली जा रही है. साथ ही उनके सहयोगियों की भी पूछताछ चल रही है.