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बस के कंडक्टर पर हमला, उसने एक यात्री को मराठी में जवाब नहीं दिया, बेलगावी में बवाल

कर्नाटक
कर्नाटक क बेलगावी में राज्य परिवहन निगम की बस के कंडक्टर पर इसलिए हमला कर दिया गया, क्योंकि उसने एक यात्री को मराठी में जवाब नहीं दिया था। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिला मुख्यालय शहर के बाहरी इलाके की यह घटना है। हमले के बाद 51 वर्षीय बस कंडक्टर महादेवप्पा मल्लप्पा हुक्केरी को आंखों में आंसू लिए देखा गया। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि सुलेभवी गांव में अपने पुरुष साथी के साथ बस में चढ़ी एक महिला मराठी में बात कर रही थी। उन्होंने उससे कहा कि वह मराठी नहीं जानते और कन्नड़ में बात करने को कहा।

बस कंडक्टर ने कहा, 'जब मैंने कहा कि मैं मराठी नहीं जानता तो उस महिला ने मुझे गाली देते हुए कहा कि मुझे मराठी सीखनी चाहिए। अचानक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और मुझ पर हमला कर दिया।' पुलिस ने बताया कि घायल बस कंडक्टर को बेलगावी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि उसे मामूली चोटें आई हैं और वह खतरे से बाहर है। घटना के बाद कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

बेलगावी का महाराष्ट्र में विलय करने की मांग
पुलिस ने घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान मारुति तुरुमुरी, राहुल नायडू और बालू गोजागेकर के तौर पर हुई। वहीं, डीसीपी रोहन जगदीश ने बेलगावी के बीआईएमएस अस्पताल का दौरा किया और कंडक्टर की सेहत के बारे में जानकारी ली। मालूम हो कि बेलगावी में मराठी भाषी आबादी काफी है और उनमें से एक वर्ग जिले का महाराष्ट्र में विलय करने की मांग कर रहा है। इसका राज्य के साथ-साथ वहां रहने वाली कन्नड़ भाषी जनता भी कड़ा विरोध कर रही है।

यह घटना ऐसे समय सामने आई है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषा के आधार पर भेदभाव के प्रयासों पर करारा प्रहार किया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भारतीय भाषाओं के बीच कभी कोई वैर नहीं रहा और सभी भाषाओं ने एक-दूसरे को समृद्ध किया है। पीएम मोदी ने 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मराठी को शूरता, वीरता, सौंदर्य, संवेदनशीलता और समानता के तत्वों को प्रतिबिंबित करने वाली संपूर्ण भाषा बताया।

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