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हाइवे प्रॉजेक्ट के लिए चाइनीज कंपनियों की बोली रद्द

नई दिल्ली
Delhi-Mumbai expressway: गलवान घाटी घटना के बाद चीन के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध की दिशा में सरकार, यहां के लोग और कंपनियां काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से संबंधित दो चाइनीज कंपनियों का ठेका रद्द कर दिया है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है।

लेटर ऑफ अवॉर्ड देने देने से मना किया गया
परिवहन मंत्रालय ने संबंधित सूत्रों ने इकॉनमिक टाइम्स को बताया कि मंत्रालय 800-800 करोड़ के दो प्रॉजेक्ट के लिए चाइनीज कंपनी (Jiangxi Construction Engineering Corporation) की सब्सिडियरी को मौका नहीं देगी। दोनों चाइनीज कंपनियों को लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया गया है।

गडकरी ने पहले जता दिया था इरादा
पिछले दिनों परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ-साफ कहा था कि किसी भी हाइवे प्रॉजेक्टस में चाइनीज कंपनियों की डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट एंट्री नहीं होगी। वर्तमान में अगर किसी प्रॉजेक्ट में चाइनीज कंपनी का किसी तरह हाथ है तो उस टेंडर को कैंसल कर दोबारा जारी किया जाएगा।

राखी में चीन को होगा 4 हजार करोड़ का नुकसान
इधर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली सहित देश भर में 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' के तहत चीनी सामान के बहिष्कार का राष्ट्रीय अभियान छेड़ रखा है। इसकी शुरुआत 10 जून से हुई थी। संगठन का कहना है कि राखी वो पहला त्योहार होगा जिससे चीन को पता लगेगा की किस मजबूती से देश चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कर चीन को एक बड़ा सबक देने की ठान चुका है। कैट का दावा है कि इस बार राखी के त्यौहार पर भारत की बहनें भारतीय राखी का इस्तेमाल करते हुए चीन को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का घाटा पहुंचाएगी।
 

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