नई दिल्ली
भारत और यूरोपीय संघ की बुधवार को हुई बैठक में आतंकवाद की चुनौतियों पर विस्तार से बात हुई। इस दौरान पाकिस्तान का भी जिक्र हुआ कि कि तरह भारत और अन्य देशों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। इस बातचीत के दौरान वैश्विक आतंकवाद पर सभी ने अपना पक्ष रखा। मीडिया से बात करते गुए विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने इसकी जानकारी दी।
शिखर सम्मेलन के बाद जारी किए गए संयुक्त वक्तव्य इस बात की पुष्टि करता है कि भारत और यूरोपीय संघ वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान आतंकवाद के सभी प्रारूपों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की गई है। चाहे इसे आर्थिक मदद करने वाले देश या संगठन हो या फिर कट्टरपंथी विचार फैलाने वाले। भारत और यूरोपीय संघ इस संबंध में जानकारी आदान-प्रदान और सहयोग की प्रक्रिया को तेज करेंगे।
शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन द्वारा की गई थी। दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा और रक्षा पर परामर्श के लिए बातचीत शुरू करने और नौसेना सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
हिंद महासागर में सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बयान में कहा गया है कि यूरोपीय संघ ने भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और यूरोपोल के बीच काम करने की व्यवस्था पर वार्ता शुरू करने का स्वागत किया। बयान में कहा गया, 'उन्होंने खुले, स्वतंत्र, स्थिर और सुरक्षित साइबरस्पेस के लिए अपने पूर्ण समर्थन की पुष्टि की और साइबरस्पेस में सभी कारकों के जिम्मेदार और उत्तरदायी व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र सहित वैश्विक साइबर में लचीलापन बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।'
बयान में कहा गया है कि भारत और यूरोपीय संघ ईरान और अफगानिस्तान सहित आम हित के अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग करना जारी रखेंगे। भारत एवं यूरोपीय संघ (ईयू) ने कोविड-19 की महामारी के पश्चात आर्थिक मंदी से बाहर आने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश समझौते को लेकर उच्चस्तरीय संवाद को तेज करने पर सहमति व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उसूर्ला वोन डेर लियेन के बीच बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 15वीं भारत यूरोपीय संघ शिखर बैठक में वैश्विक महत्व के अनेक फैसले लिये गए।
दोनों पक्षों के बीच पांच दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किये गए जिनमें संयुक्त वक्तव्य, भारत ईयू रणनीतिक साझीदारी – 2025 का रोडमैप, संसाधन दक्षता एवं सकुर्लर इकॉनोमी पर संयुक्त वक्तव्य भी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने बताया कि दोनों पक्षों ने कोविड महामारी से निपटने के लिए फामार्स्युटिकल्स, सर्वसुलभ, सस्ती एवं प्रभावी वैक्सीन के विकास एवं वितरण में सहयोग बढ़ाने के बारे में चर्चा की है।