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Covid-19 की दो देसी वैक्सीन का ट्रायल आगे बढ़ा

नई दिल्ली  
कोरोना वैक्सीन बन रही, पर इससे पहले भारतीय साइंटिस्ट ने कर डाला यह चमत्कारड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित न्यूमोकोकल पॉलीसैकराइड कंजुगेट वैक्सीन को मंजूरी दे दी। पुणे स्थित कंपनी अब भारत में उपयोग के लिए वैक्सीन का निर्माण कर सकती है। यह टीका शिशुओं में "स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया" के कारण होने वाले आक्रामक रोग और निमोनिया के खिलाफ सक्रिय टीकाकरण के लिए उपयोग किया जाता है। “स्वदेशी न्यूमोकोकल वैक्सीन होने से बाल मृत्यु दर कम करने के हमारे प्रयास में एक गेम-चेंजर होगा।

पहली बार देश के अंदर हुए सारे ट्रायल
सीरम इंस्टीट्यूट ने इस न्यूमोकॉकल पॉलीसैकराइड कंजुगेट वैक्सीन का पहले, दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल यानी सारे नैदानिक परीक्षण भारत में ही किए हैं। दावा है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब देश के अंदर ही सारे ट्रायल संपन्न हुए हैं। हालांकि गांबिया और अन्य देशों में भी कंपनी इस वैक्सीन का ट्रायल कर चुकी है।

निमोनिया से भारत में हर साल लाखों बच्चों की मौत
निमोनिया एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जोकि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को तुरंत अपनी जद में लेती है। इसके कारण बच्चे की सांस रूकने लगती है और बाद में उसकी मौत तक हो जाती है। भारत में हर साल इस बीमारी से लाखों लोगों की मौत हो जाती है। एक आंकड़े के अनुसार साल 2018 में 1,27,000 बच्चों की मौत निमोनिया के कारण हुई है और इन सभी की उम्र पांच साल से कम थी।

निमोनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, निमोनिया के क्षेत्र में यह पहला स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है। इससे पहले इस तरह के टीके की मांग काफी हद तक पूरी हुई थी, लेकिन विदेशी कंपनियों ने ही वैक्सीन बनाई थी। देश में लाइसेंस प्राप्त कंपनी द्वारा ऐसा पहली बार हुआ है।

Covid-19 की दो देसी वैक्सीन का ट्रायल आगे बढ़ा
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया था कि कोविड-19 के लिए दो देसी वैक्सीन का ट्रायल लगातार आगे बढ़ रहा है और यह चूहों और खरगोशों पर इनकी टॉक्सिसिटी स्टडीज सफल रही है। ICMR के महानिदेश डॉ. बलराम भार्गव ने कोरोना पर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया था कि अध्ययन के आंकड़े देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DGCI) के पास भेज दिए गए हैं जहां से दोनों वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है।

Corona Vaccine का ट्रायल भी शुरू
देश में लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहे कोरोना के मामलों के बीच एक बेहद अच्छी खबर आई। कुछ दिनों पहले ही भारत में कोरोना के वैक्सीन (Corona Vaccine) का ह्यूमन ट्रायल (Human Trial) शुरू होने गया है। भारत (India) में बनी इस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का नाम कोवैक्सीन (Covaxin) रखा गया है जिसे भारत बॉयोटेक (Bharat Biotech) कंपनी ने तैयार किया है।

स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया के कारण फेफड़ों में सूजन
इस वैक्सीन का उपयोग बच्चों में 'स्ट्रैपटोकोकस निमोनिया' के कारण होने वाले आक्रामक रोग निमोनिया के खिलाफ सक्रिय टीकाकरण के लिए किया जाता है। मालूम हो कि निमोनिया विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे बैक्टीरियल निमोनिया, वायरल निमोनिया, फंगल निमोनिया आदि। स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया सबसे आम जीवाणु है जो फेफड़ों की सूजन का कारण बनता है।

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