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देश की पहली 14 किलोमीटर लंबी अंडर वॉटर टनल ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनेगी

गोहपुर
चीन से तनाव के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की तैयारी कर रही है। इस सुरंग के जरिए अरुणाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी देश के अन्य हिस्सों से और मजबूत हो सकेगी।

ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चीन से भी लंबी सुरंग बनाएगी मोदी सरकार, देश की पहली अंडर वॉटर टनल गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच उपजे तनाव के बाद केंद्र सरकार ने अब ब्रह्मपुत्र नदी के बीच चीन से भी लंबी सुरंग बनाने का प्लान तैयार किया है। ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एनएच 54 से एनएच-37 को जोड़ने वाली इस फोर लेन टनल से अरुणाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी और मजबूत हो सकेगी।

केंद्र सरकार ने योजना को दी सैद्धांतिक मंजूरी
केंद्र सरकार ने जिस योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि टनल का निर्माण कार्य इस साल के दिसंबर महीने में शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार इस खास सुरंग को ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे गोहपुर से नुमालीगढ़ तक बनाया जाएगा।

अरुणाचल प्रदेश तक रसद सप्लाई में आसानी
चार लेन की सुरंग में दो ट्यूब्स के अंदर 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे। इस सुरंग से अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमा तक सैन्य वाहन, रसद और सामरिक वस्तुओं की आपूर्ति कराई जा सकेगी।

केंद्रीय एजेंसी अमेरिकन कंपनी के साथ कर रही काम
नैशनल हाइवेज ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने अमेरिका की एक कंपनी के साथ इस परियोजना पर काम शुरू किया है। प्रॉजेक्ट के पूरा होने के बाद ये टनल ऐसी पहली सुरंग होगी, जिसे नदी के नीचे बनाया जाएगा। सुरंग में यात्रियों के लिए हवा के इंतजाम के लिए वेंटिलेशन सिस्टम, रोशनी के लिए लाइट्स, फायर फाइटर्स और ड्रेनेज सिस्टम भी लगाया जाएगा। हालांकि प्रॉजेक्ट की लागत को लेकर फिलहाल कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

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