नई दिल्ली
देश में कोरोना के मामले नौ लाख तक पहुंच चुके हैं और अब एक बार फिर से लॉकडाउन का दौर लौटता दिख रहा है. देश के कई शहरों में आज से एक बार फिर लॉकडाउन लागू हो रहा है. ये सख्ती साफ बता रही है कि जिंदगी की रफ्तार को रोकना ही कोरोना काबू करने का इकलौता रास्ता माना जा रहा है.
दरअसल, हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहे कोरोना मामलों के आंकड़े अब डराने लगे हैं. कुल केस की तादाद आज नौ लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है. आईएमए का कहना है कि अब तक 93 डाक्टर कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन कह रहा है कि हालात अभी और बिगड़ेंगे.
ऐसे में सवाल ये कि क्या अनलॉक से हालात बिगड़ रहे है. क्या फिर से सख्ती की जरूरत महसूस की जाने लगी है. कई राज्यों ने मंगलवार को फिर से लॉकडाउन के जो फैसले किए उससे तो यही लगता है कि अनलॉक की छूटों से कोरोना को पैर पसारने में मदद मिल रही है.
कोरोना को काबू करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत में सरकारी बसों को फिर बंद कर दिया गया है. ग्वालियर में एक दिन 191 केस आए तो आज शाम सात बजे से एक हफ्ते तक टोटल लॉकडाउन लागू हो रहा है. बिल्कुल कफ्यू की तर्ज पर सख्ती होगी.
आज रात से दक्षिण कर्नाटक में एक हफ्ते का लॉकडाउन लागू किया जा रहा है. महाराष्ट्र के पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ में आज रात से 10 दिनों का लॉकडाउन लागू हो रहा है. वाराणसी में पांच दिनों तक आधे दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है. पाबंदिया शाम के चार बजे के बाद लागू हो जाएंगी. जम्मू कश्मीर में फिर से लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
कुल मिलाकर तमाम सूबे कोरोना से सहम गए है. शहरों में फिर सन्नाटा पसर रहा है. लॉकडाउन का दौर फिर आ रहा है, लेकिन ये भी तय है कि असली बचाव खुद लोगों के एहतियात बरतने, मास्क का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टेंसिंग से ही होगा.