मुजफ्फरपुर की जानवी लोगों को अपने जाल में फंसाती थी। इस बार एक गलती की वजह से उसका खेल बिगड़ गया। बीते दिनों फर्जी सर्टिफिकेट से यूपीएससी क्वालीफाई करने वाली पूजा खेडकर काफी चर्चे में रही हैं। वहीं, ऐसे ही फर्जीवाड़े का हिस्सा रही यूपी की ज्योति मिश्रा का नाम भी सामने आया।
“मेरा नाम जानवी सिंह है। मैं दिल्ली एम्स में हार्ट सर्जन हूं। इसके साथ ही मैं फर्स्ट अटेम्प में ही यूपीएससी क्रैक कर आईएएस अफसर बन गई। मेरे पिता राजीव कुमार श्रीनगर में इंडियन आर्मी में मेजर हैं। वहीं, मेरी मां अनीमा कश्यप अहमदाबाद में एसबीआई में मैनेजर है।”
इन दोनों ही मामलों में एक बात कॉमन निकली कि दोनों ने यूपीएससी के तैयारी की थी। लेकिन, खुद को आईएएस और डॉक्टर बताकर पटना के रवि रंजन को शादी का झांसा देने वाली जानवी सिंह उर्फ ठाकुर प्रिंसी सिंह उर्फ तनु प्रिया न तो दिल्ली एम्स में डॉक्टर है और न ही उसने कभी यूपीएससी की पढ़ाई की है।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब पटना पुलिस को जानवी के ही गहने चोरी होने की कम्प्लेन रवि ने बेउर थाने में की। पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो मामला कुछ और ही निकला। पता चला की जानवी के सभी आई कार्ड और सर्टिफिकेट फर्जी हैं। खुद को दिल्ली एम्स की हार्ट सर्जन और आईएएस बताने वाली जानवी इंटर फेल है।
जानिए पूरा मामला
खुद को दिल्ली एम्स की डॉक्टर बताने वाली जानवी सिंह ने पटना के बेउर निवासी रवि रंजन को अपना शिकार बनाया था। फेसबुक के जरिए जानवी ने साइंटिस्ट रवि रंजन से पहले जान पहचान की। फिर कुछ दिनों की बातचीत के बाद बात शादी तक पहुंच गई। 26 जुलाई को सगाई की तारीख पक्की हुई।
इससे पहले ही रवि के घर पर रुद्राभिषेक की पूजा रखी गई। जिसमें शामिल होने के लिए जानवी दिल्ली से पटना आई। उसने रवि को बताया कि वह अपने साथ 30 लाख के गहने भी लाई है। पूजा खत्म होने के बाद जब गहने देखने की बारी आई तो बैग में गहने ही नहीं थे। जानवी ने ज्वेलरी चोरी करने का आरोप रवि की मौसी पर डाल दिया।
शादी से कुछ दिन पहले रवि की मौसी पर जानवी ने 30 लाख की ज्वेलरी चोरी का आरोप लगा दिया। FIR बेउर थाने में दर्ज हुई। पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की। इस बीच रवि को लड़की की गतिविधियों पर शक हुआ। उसने पुलिस को इसकी जानकारी दी। जब छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि जानवी सिंह उर्फ तनु प्रिया उर्फ ठाकुर प्रिंसी सिंह मुजफ्फरपुर की रहने वाली है। उसने फर्जी तरीके से दिल्ली एम्स के हार्ट सर्जन का फर्जी आई कार्ड बना रखा था। इतना ही नहीं यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर आईएएस होने का भी दावा किया था। पीएम के हाथों खुद को सम्मानित किए जाने की खबर भी पेपर में छपवाई थी।
पुलिस जब जाह्नवी से पूछताछ करने पहुंची तो उसने IAS ऑफिसर होने का धौंस जमाया। हालांकि पुलिस ने हिम्मत करके जाह्नवी के कमरे की तलाशी ली। कमरे में जो चीजें मिली उससे पुलिस भी दंग रह गई। जाह्नवी के पास एम्स में डॉक्टर होने का फर्जी पहचान पत्र, UPSC में सफल होने की अखबार की फर्जी कटिंग, सोने की नकली चेन, पांच अंगूठी, ब्रेसलेट, कड़ा, 39 हजार नकद और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। पुलिस में AIIMS में फोन किया तो पता चला कि इस नाम से वहां कोई डॉक्टर ही नहीं है।