हरदा
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हरदा के एक मरीज को बेहतर इलाज के लिए पीएम श्री एयर एम्बुलेंस से भोपाल भेजा गया. यह पहला मौका है जब हरदा के किसी मरीज को एयर एंबुलेंस से इलाज के लिए किसी दूसरे शहर भेजा गया. सीएमएचओ के निर्देश के बाद घायल को एयरलिफ्ट किया गया. पीड़ित युवक के भाई ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की सराहना की.
भीषण दुर्घटना का शिकार हुआ था युवक
दरअसल, जिले के रोलगांव निवासी 28 वर्षीय दिनेश गोंड का 3 दिन पहले हरदा में रोड एक्सीडेंट हो गया था. वह बाजार से घर लौट रहा था, इसी दौरान सामने से एकाएक एक भैंस आ गई और उसे बचाने के चक्कर में दिनेश बिजली के पोल से टकरा गया. हादसे में उसका पैर 3 जगह से टूट गया और कंधे की हड्डी भी टूट गई. गंभीर रुप से घायल युवक को पुलिस की मदद से जिला अस्पताल पहुंचाया गया. जहां 2 दिन तक उपचार के बाद सोमवार को भोपाल रेफर किया गया.
35 मिनट में हरदा से पहुंचाया भोपाल
गंभीर रूप से घायल दिनेश को वाया रोड भोपाल ले जाने में जान का खतरा था. डॉक्टरों ने अंदेशा जताया कि रोड पर झटके लगने से मरीज कोमा में भी जा सकता है, जिसके बाद सीएमएचओ की पहल पर घायल को पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना के तहत हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इससे मरीज को मात्र 35 मिनट में भोपाल पहुंचाया गया. एयर एम्बुलेंस के डॉक्टर निर्भय सिंह ने बताया, '' मरीज के बाएं पैर की हड्डी कई टुकड़ों में टूटने के कारण उसे भयानक दर्द था और ऐसी स्थिति में वह कोमा में भी जा सकता था.''
घायल के भाई ने कहा- ये हमारे लिए बड़ी मदद
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचपी सिंह ने बताया, '' हमारे अस्पताल में दिनेश के इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं थी, इसलिए उसे भोपाल भेजा गया. पैर की हालत को देखते हुए उसे साधारण एम्बुलेंस से भेजना संभव नहीं था. इसलिए हमने एयर एंबुलेंस की मदद ली.'' घायल युवक के भाई महेश गोंड ने कहा, '' सरकार की इस सुविधा से हमें बहुत राहत मिली है. भाई की हालत ऐसी थी कि वह सड़क मार्ग से यात्रा नहीं कर सकता था. हेलीकॉप्टर से उसे भोपाल भेजा जा रहा है, यह हमारे लिए बड़ी मदद है.''
तत्काल बेहतर इलाज के लिए शुरू की गई है योजना
पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की थी. इस योजना का उद्देश्य गंभीर रूप से घायल या बीमार मरीजों को तुरंत बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से बड़े अस्पतालों तक पहुंचाना है. खासकर तब, जब सड़क मार्ग से ले जाना संभव न हो या इसमें बहुत समय लग सकता हो. यह योजना गरीब और दूरदराज के इलाकों में रहने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.