रतलाम/मंदसौर
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में रविवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया था। दर्शन के लिए जा रही एक ईको वैन बाइक से टकराने के बाद अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने कुएं में जा गिरी। हादसे में कुल 12 लोगों की जान चली गई और 4 लोग घायल हो गए। घायलों में दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों में 8 लोग रतलाम जिले के, 2 उज्जैन के और 2 मंदसौर जिले के निवासी थे। रतलाम के खोजनखेड़ा गांव से एक साथ 6 अर्थियां उठीं, जिसने पूरे गांव को गमगीन कर दिया।
एमपी के मंदसौर में रविवार दोपहर ईको वैन बाइक से टकराकर कुएं में गिर गई। हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई जबकि दो बच्चों समेत 4 लोग घायल हैं। मरने वालों में 8 लोग रतलाम जिले जबकि 2-2 लोग उज्जैन और मंदसौर जिले के रहने वाले थे।
रतलाम जिले के खोजनखेड़ा में 6 अर्थियां एक साथ उठीं तो पिपलिया और सुरजना गांव से एक-एक शवयात्रा निकाली गई। वहीं, 4 अन्य लोगों के अंतिम संस्कार उज्जैन और मंदसौर में किए गए। घरों से अर्थियां निकलते ही परिजन बिलखने लगे। ये देखकर मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो उठीं।
आंतरी माता के दर्शन के लिए जा रहे थे हादसा रविवार दोपहर करीब एक बजे जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में बूढ़ा-टकरावद फंटे के पास हुआ। वैन सवार करीब 14 लोग उज्जैन जिले के उन्हेल से नीमच जिले के मनासा क्षेत्र के आंतरी माता मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे। तभी वैन की एक बाइक से टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही वैन बेकाबू हो गई और कुएं में जा गिरी।
इस हादसे में वैन में सवार 14 में से 10 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा एक बाइक सवार और एक शख्स, जो बचाव कार्य के लिए कुएं में उतरा था, उसकी भी मौत हो गई।
घायल बच्चा बोला- बाइक वाला ठीक सामने आ गया घायल देवेंद्र गहलोत ने बताया- हम हराखेड़ी, उज्जैन में रहते हैं। मेरे साथ कार में मम्मी, नानी और मामा थे। हम आंतरी माता के दर्शन करने जा रहे थे। बाइक वाला हमारे ठीक सामने आ गया। हम भिड़े तो कुएं में गिर गए। मैं निकलने की कोशिश कर रहा था तो पीछे से एक व्यक्ति आया और मुझे निकालकर खाट पर ले गया। हमको फिर लोगों ने ऊपर खींच लिया तो हम हॉस्पिटल आ गए। उसके बाद कुछ नहीं पता।
रेस्क्यू के दौरान मौके पर मौजूद रहे डिप्टी सीएम देवड़ा हादसे की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अपने स्तर पर रेस्क्यू शुरू किया। थोड़ी ही देर में पुलिस और प्रशासन की टीम भी पहुंची। एसडीईआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। टीम रस्सियों के सहारे कुएं में उतरी और रेस्क्यू ऑपरेशन किया। मौके पर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा भी पहुंचे थे। वे पूरे समय मौके पर ही रहे। कलेक्टर अदिति गर्ग, एसपी अभिषेक आनंद, एडिशनल एसपी गौतम सोलंकी, एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी भी मौके पर मौजूद रहे।
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने बताया कि इस हादसे में कुल 16 लोग शामिल थे, जिनमें दो बच्चे भी थे। पहले बच्चों को निकालकर अस्पताल भेजा गया। गाड़ी बड़ी मुश्किल से बाहर लाई गई है। कुएं में जहरीली गैस के कारण बचाने गए मनोहर सिंह की भी मौत हुई है। उन्होंने 2-3 लोगों को बाहर निकाला था। मुझे जैसे ही घटना के बारे में पता चला, मैं सीधा यहीं आ गया।
क्रेन की मदद से निकाली शवों से लदी वैन मौके पर क्रेन भी बुलाई गई। क्रेन की मदद से वैन को कुएं से बाहर निकाला गया। वैन में शव लदे थे। आगे की ओर एक महिला का शव लटकता दिखा। इस तस्वीर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। कुछ शव कुएं में थे। जिसके बाद मोटर लगाकर कुएं का पानी निकाला। फिर बाकी के शवों को बाहर निकाला गया।
यह साफ नहीं हो पाया है कि ईको वैन सीएनजी थी या एलपीजी। एसडीईआरएफ के जवानों ने बताया कि कुएं की गहराई लगभग 80 फीट है। इतनी गहराई में सांस लेने में समस्या होती ही है। इसके अलावा यह वाहन गैस का था, जिसके चलते कुएं के अंदर अभी तक गैस जमा है।
मनोहर ने मौत से पहले 4 लोगों को निकाला मृतकों में वैन सवारों को बचाने के लिए कुएं में उतरे ग्रामीण मनोहर सिंह भी शामिल हैं। वे लोगों को बचाने कुएं में उतर गए थे। इन्होंने 4 लोगों को कुएं से बाहर भी निकाला। लेकिन इस दौरान कुएं में बनी जहरीली गैस से इनकी मौत हो गई।
मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए मुआवजा की घोषणा मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। इसमें से 2-2 लाख रुपए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से तो 2-2 लाख रुपए मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से दिए जाएंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवार को 2-2 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 1-1 लाख रुपए और सामान्य रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए।