मध्य्प्रदेश

श्रमिकों का कल्याण प्रशासनिक नहीं, नैतिक उत्तरदायित्व: श्रम मंत्री पटेल

भोपाल
श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एवं श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मंडल की बैठकों में श्रम कल्याण के विषय पर विस्तारसे चर्चा की जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में श्रम कल्याण योजनाएं एवं श्रम कानूनों में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं के बारे में बोर्ड में चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि संबल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की विसंगतियों को दूर करें। मंत्री श्री पटेल मंगलवार को पलाश रेसीडेंसी में मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल के संचालक मण्डल की 62वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। श्रम कल्याण से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव, अपर सचिव श्री बसंत कुर्रे, कल्‍याण आयुक्‍त श्री एस.एस.दीक्षित सहित मंडल के सदस्य, विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि श्रमिकों का कल्याण केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, नैतिक उत्तरदायित्व भी है। हमारी सरकार हर श्रमिक के सम्मान, अधिकार और भविष्य की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले शत-प्रतिशत श्रमिकों को सर्वप्रथम इलेक्ट्रिक वाहन का वितरण किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नवीन श्रम कल्याण केंद्रों की डिजाइन भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार की जाए। बैठक में प्रमुख सचिव, श्रम श्री उमराव ने जानकारी दी कि शासन की ओर से मंडल को अंशदान राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में 12 करोड़ की गई है।

बैठक में मण्डल की 61वीं बैठक में लिये गये निर्णयों पर कार्यालय ‌द्वारा की गई कार्रवाई की पुष्टि की गई एवं मण्डल के वित्तीय बजट वर्ष 2025-26, मण्डल के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2023-24 पर कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया। मण्डल कर्मचारियों की सेवाशर्तों विनियम में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किये जाने, म.प्र. श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1982 की धारा 2 (3) (ख) को संशोधित करने, मण्डल के नियमित कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के एरियर्स के व्यय भार की स्वीकृति प्रदान की गई, श्रम कल्याण केन्द्र, बुरहानपुर भवन, बुरहानपुर के मरम्मत के लिए व्यय राशि पर कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया।

 

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