इंदौर
इंदौर में पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ों की कटाई के विरोध में ज़ोरदार प्रदर्शन किया। रीगल चौराहे पर हज़ारों लोगों ने मानव श्रंखला बनाकर सरकार को चेतावनी दी। शहर की प्रमुख संस्थाएं और राजनीतिक दल इस विरोध में शामिल हुए।
इंदौर के पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ों की कटाई के विरोध में बड़ा प्रदर्शन किया। रीगल चौराहे पर बनाई गई मानव श्रंखला में शहर के राजनीतिक दलों ने भी एकजुटता दिखाई। इंदौर की बड़ी संस्थाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और शहर के प्रबुद्धजन शामिल हुए। सभी ने एक सुर में कहा कि पेड़ों की कटाई को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूरा शहर भट्टी की तरह तप रहा है, तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। बारिश के दिन कम हो रहे हैं और भूमिगत जल खत्म हो रहा है। प्रदूषण में पूरा शहर घिरा हुआ है। इन सभी बातों से परेशान लोगों ने आज मानव श्रंखला बनाकर सरकार को सीधे चेतावनी दी कि यदि अब पेड़ों की कटाई की गई तो बड़ा जनआंदोलन किया जाएगा। आय़ोजन में जनहित पार्टी, कांग्रेस, आप, कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सेवा सुरभि, अभ्यास मंडल, इंदौर इनिशिएटिव, मालव मंथन, यूथ होस्टल, बस्ती फाउंडेशन, जीवन प्रवाह समेत कई संस्थाएं पहुंचीं।
हुकुमचंद मिल के प्रोजेक्ट को रोकने की मांग
जनहित पार्टी के संस्थापक अभय जैन ने कहा कि हुकुमचंद मिल में प्राकृतिक वन है और पांच हजार से अधिक प्राचीन वृक्ष और सैकड़ों पशु पक्षी हैं। वहां पर किसी तरह का कोई प्रोजेक्ट नहीं आना चाहिए। जो भी प्रोजेक्ट लाया जा रहा है उसे तुरंत निरस्त करें वरना बड़े जन आंदोलन के लिए तैयार रहें। कांग्रेस के राहुल निहोरे ने कहा कि सरकार जनता को जीने के लिए शुद्ध हवा, पानी भी नहीं दे रही। जनता की सांसे भी छीन रही है। जनता जाग रही है और अब यह सहन नहीं करेगी।
पद्मश्री पलटा और मोंढे ने कहा बस बहुत हुआ
पद्मश्री जनक पलटा और पद्मश्री भालू मोंढे ने कहा कि इंदौर को बचाने के लिए प्रकृति की रक्षा करना ही सर्वोपरी है। अब शहर में एक भी पेड़ कटा तो उसकी भरपाई नहीं हो सकती।
बुद्धिजीवी बोले यह शहर की बर्बादी की शुरुआत
एसएल गर्ग, डीके वाघेला, ओपी जोशी, अशोक गोलाने, अजय लागू, संदीप खानवलकर, प्रमोद नामदेव, चंद्रशेखर गवली, उज्जवल स्वामी और अखिलेश जैन समेत कई बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। सभी ने कहा कि यह शहर की बर्बादी की शुरुआत है। इसी तरह चलता रहा तो इंदौर में जीवन दूभर हो जाएगा।
बड़ी संख्या में आए युवा, बच्चे और महिलाएं
प्रणीता दीक्षित, भावना अहलुवालिया, जयश्री सिक्का ने कहा कि हमारे धर्म में प्रकृति को ही ईश्वर माना गया है। इसके बावजूद प्रकृति का विनाश सोच से परे है। आयोजन में बड़ी संख्या में कालेज के छात्र और बच्चे भी शामिल हुए।