कोरोना के ‘कानून’ ने टाला बजट सत्र
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भोपाल। कोरोना महामारी के चलते सभी दलों की सहमति से विधानसभा का बजट सत्र स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। सत्र स्थगित करने के लिए प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा। अब राज्य सरकार एक बार फिर चार माह की अवधि के लिए अध्यादेश के जरिए बजट का इंतजाम करेगी। 20 जुलाई से शुरू होकर 24 जुलाई तक चलने वाले इस पांच दिवसीय सत्र में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का निर्वाचन होना था इसके अलावा वित्तीय वर्ष 20-21 के लिए दो लाख 20 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश किया जाना था। प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान एक हजार से अधिक लोगों के जुटने की संभावना थी। प्रदेश के पांच विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। इसके अलावा विधानसभा का एक रिपोर्टर भी पॉजिटिव पाया गया था। ऐसे में बजट सत्र के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सत्र कम अवधि के लिए किया जाए या स्थगित किया जाए इसपर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, सज्जन सिंह वर्मा, प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा मौजूद थे। बैठक में सर्वसम्मति से बजट सत्र स्थगित करने का निर्णय लिया गया। अब इस संबंध में प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद सत्र स्थगित करने की सूचना राजपत्र में प्रकाशित की जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जो दूसरों को नसीहत देते है वह खुद पर भी लागू होती है। लोगों को दूरी बनाए रखने के लिए कहते है तो विधायकों और मंत्रियों को भी उसका पालन करना चाहिए। जो भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव होंगे अध्यादेश के माध्यम से पारित किए जाएंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाईन का पालन किया जाता तो किसी भी हालत में विधानसभा का सत्र आयोजित नहीं किया जा सकता था। विधानसभा में सेंट्रल एसी लगा है। इसके अलावा दो व्यक्तियों के बीच दो गज की दूरी का पालन भी किया जाना संभव नहीं था। एक साथ इतने लोगों का एक स्थान पर एकत्रित करना भी संभव नहीं था। इसलिए भी सत्र स्थगित करना पड़ा।
विधानसभा सत्र को लेकर हमने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से विधानसभा का सत्र स्थगित करने का फैसला किया गया है। हम यह फैसला महामहिम राज्यपाल के पास भेज रहे हैं। सर्वदलीय बैठक में सभी लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना काल में एकत्रित होने से सावधानी बरती जाए और केंद्रीय गाइड लाइन (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन किया जाए।
रामेश्वर शर्मा, प्रोटेम स्पीकर