ग्वालियर
मध्य प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान से गुजरने वाले 17 राष्ट्रीय राजमार्गों पर अब यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाएगी। इन राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे मौजूद खाली जमीन को नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट (एनएचएलएम) कंपनी द्वारा विकसित कर लीज पर दिया जाएगा।
ऐसी जमीन पर फूड कोर्ट और रेस्टोरेंट, शॉपिंग स्टोर, टायलेट सुविधा, पार्किंग, ईवी चार्जिंग स्टेशन और डोरमेट्री तैयार की जाएगी। अभी तक ये सुविधाएं सिर्फ एक्सप्रेस-वे पर ही मिलती हैं, जहां विशेष रूप से ये प्रविधान एनएचएआइ द्वारा किए जाते हैं, लेकिन अब हाइवे किनारे भी ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
लीज पर दिया जाएगा
ग्वालियर-शिवपुरी हाइवे पर 86 हजार वर्गफीट जमीन को विकसित कर लीज पर दिया जाएगा। इसके लिए घाटीगांव में जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। ग्वालियर के अलावा मध्य प्रदेश में एनएच 52 भोजपुर-समलीकलां हाइवे पर भाटखेड़ी में 2.77 लाख वर्गफीट जमीन चिह्नित की गई है।
यात्रि सुविधाओं का ध्यान
दरअसल, अब भी राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे लोगों द्वारा निजी तौर पर ढाबे, छोटे होटल व दुकानों का संचालन किया जाता है। इन राजमार्गों पर टोल प्लाजा के आसपास ही कुछ सुविधाएं मिल पाती है, जबकि नए बने एक्सप्रेस वे पर यात्री सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाता है।
इसको देखते हुए अब पुराने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे भी यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। खाली पड़ी जमीन को लीज पर देने से सरकार को भी राजस्व प्राप्त होगा। इसके चलते अब यह पहल शुरू की गई है।
इन स्थानों का किया है चयन
ग्वालियर-शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 46 पर घाटीगांव के पास और भोजपुर-समलीकलां राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 52 पर भाटखेड़ी में जगह चिह्नित करने के साथ ही पानागढ़-पलसित पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 19 पर बुदबुद में, पानागढ़-पलसित पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 19 पर रसूलपुर में, वरोरा-वानी महाराष्ट्र राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 पर शेंबल में जगह चिह्नित की गई है।
वहीं, महाराष्ट्र में ही एनएच 930, एनएच 52, एनएच 161, एनएच 53, एनएच 361 पर भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। राजस्थान में एनएच 58 का चयन किया गया है।
ये मिलेंगी सुविधाएं, क्षेत्रीय कारीगरों को भी मिलेगा बढ़ावा
इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर जमीन लीज पर देकर फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट, शापिंग स्टोर, कार-बस पार्किंग, प्राथमिक चिकित्सा, लैंडस्केपिंग, बच्चों के खेलने का एरिया, सुरक्षा जागरूकता कोना विकसित किया जाएगा।
इसके साथ ही ईवी चार्जिंग स्टेशन व 10 से 25 बेड की डोरमेट्री तैयार होगी। इस प्रोजेक्ट की सबसे विशेष बात यह है कि यहां क्षेत्रीय कला को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय कारीगरों को भी कियोस्क व स्टाल मुहैया कराया जाएगा। ऐसे में इन राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वाले लोग क्षेत्र विशेष की कलाकृतियों को खरीद भी सकेंगे।
भूमि का उपयोग होगा, यात्रियों को सुविधा मिलेगी
राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौजूद भूमि को लीज पर देने से उसका उपयोग होता है और यात्री सुविधाओं में भी वृद्धि हो जाती है। यही कारण है कि एनएचएआई की सहयोगी संस्था नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी द्वारा ग्वालियर-शिवपुरी हाइवे पर घाटीगांव में खाली पड़ी भूमि को लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू की है। – प्रशांत मीना, मैनेजर-एनएचएआई, ग्वालियर