भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और जीआईएस में जुट रहे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 जारी की है।
इस पॉलिसी के नवाचारों से लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाकर आपूर्ति दक्षता को बेहतर बनाएगी। लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास करना है जिससे वर्ष 2030 तक लॉजिस्टिक लागत को वैश्विक मानकों के अनुरूप कम किया जा सके।
अहम भूमिका निभाएगी
मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 प्रदेश के समग्र आर्थिक विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। यह नीति राज्य को लॉजिस्टिक्स का प्रमुख केंद्र बनाने निवेशकों को आकर्षित करने और व्यापार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
लॉजिस्टिक्स नेटवर्क मजबूत होगा
अन्तर्देशीय और अंतर्राष्ट्रीय लॉजिस्टिक ट्रांस्पोर्टेशन के योग्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए राज्य सरकार 20 से अधिक कार्गो टर्मिनल विकसित कर रही है। इससे लॉजिस्टिक्स नेटवर्क मजबूत होगा।
नई नौकरियाँ उपलब्ध
मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 का एक महत्वपूर्ण अंग राज्य की निर्यात क्षमता को बढ़ाना भी है। इसके लिए पॉलिसी में निर्यात पार्क विकसित किए जाने के प्रावधान शामिल किये गए है। लॉजिस्टिक्स लागत में कमी से व्यापारियों और उद्यमियों को सीधा लाभ होगा। वेयरहाउस ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स कंपनियों में लाखों नई नौकरियाँ उपलब्ध होंगी।
सरकार निवेश सहायता प्रदान करेगी
लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, इनलैंड कंटेनर डिपो और ड्राय पोर्टस् की स्थापना के लिए निवेश सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क की सुविधा 25 एकड़ से 75 एकड़ क्षेत्र मे विकसित करने पर अधिकतम 50 करोड़ रुपये और 75 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर विकसित करने पर अधिकतम 75 करोड़ रुपये सहायता राशि दी जाएगी। आईजीबीसी ग्रीन लॉजिस्टिक्स पार्क और गोल्ड एवं प्लैटिनम प्रमाणन के लिए वेयरहाउस सर्टिफिकेशन के लिए 50% तक की सहायता, अधिकतम 20 लाख रुपये तक प्रदाय की जाएगी। परियोजना अंतर्गत बाह्य सड़क/रेल अधोसंरचना विकास (परियोजना स्थल तक पहुंचने हेतु) के लिए व्यय की गई राशि की 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, अधिकतम 5 करोड़ रुपये की सीमा तक प्रदान की जाएगी।
एयर कार्गाे निर्माण पर भी मिलेगी मदद
सरकार प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल, गति शक्ति कार्गो टर्मिनल, कंटेनर फ्रीट स्टेशन और एयर कार्गों काम्लेक्स के निर्माण पर भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। 5 से 10 एकड़ तक के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 5 करोड़ रुपये, 10 से 50 एकड़ के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 15 करोड़ रुपये और 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 25 करोड़ रूपये की सहायता राशि प्रदाय की जाएगी।
कृषि वेयरहाउस निर्माण पर भी मिलेगी राशि
कृषि वेयरहाउस से औद्योगिक वेयरहाउस में उन्नयन करने पर किए गए खर्च की 40% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 1 करोड़ रुपये प्रदान किये जाएंगे। साथ ही परियोजना अंतर्गत बाह्य सड़क/रेल अधोसंरचना विकास (परियोजना स्थल तक पहुंचने के लिए) के लिए खर्च की गई राशि की 50% प्रतिपूर्ति, अधिकतम 3 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। सामान्य प्रोत्साहन में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक गतिविधियों को कलेक्टर गाइड लाइन दर अनुसार अविकसित भूमि आवंटित करने के लिए प्रचलित भूमि प्रबंधन नियम में प्रावधान किया जाएगा।
जमीन खरीदने पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन की
लॉजिस्टिक हब/पार्क की स्थापना के लिए जमीन खरीदी पर 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क (अधिकतम 5 करोड़ रुपये) को सरकार रीइम्बर्स्मन्ट करेगी। इसके साथ ही अन्य गैर वित्तीय सहायता जैसे एक्जिम कार्गो के लिए ग्रीन चैनल का विकास, फास्ट-ट्रैक भवन अनुमति, सिंगल विडो सिस्टम, 24×7 निरंतर संचालन की अनुमति ग्राउंड कवरेज में रियायत लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग अधोसंरचना को 70% तक के उच्च ग्राउंड कवरेज की अनुमति प्रदान की जाएगी।