भोपाल
खनिज साधन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि अवैध उत्खनन और परिवहन को सख्ती से नियंत्रित किया जाये। साथ ही राजस्व वसूली में सुधार की गुंजाईशे तलाशें, जिससे शासन की राजस्व आय में बढ़ोत्तरी हो सकें। उन्होंने निर्देश दिये की सभी रेत खदानों के जो भंडारण मंजूर हैं उनके भंडारण का भौतिक सत्यापन कर यह सुनिश्चित किया जाए की रेत खदान में मंजूरी अनुसार भंडारण हो रहा है या नहीं। खनिज मंत्री बुधवार को विभागीय समीक्षा कर रहे थे।
खनिज मंत्री सिंह ने विभागीय संरचना के संबंध में निर्देश दिये कि विभाग के सुदृढ़ीकरण के लिये रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाये। उन्होंने कहा कि पन्ना खदान कार्यालय को स्ट्रांग बनाये, जिससे खदान की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से हो सके। खनिज मंत्री ने बताया कि वृक्षारोपण करने का यह उचित समय है, अत: नदियों के किनारे वृक्षारोपण किया जाये, जिससे नदी के कटाव को रोका जा सके। उन्होंने विभागीय कार्यों को सुव्यवस्थित रूप से करने के लिये भोपाल में खनिज काम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। खनिज मंत्री सिंह ने कहा कि विभाग अंतर्गत शिथिल खदानों को निरस्त कर नये सिरे से नीलामी की जाये।
सचिव, खनिज साधन एवं प्रबंध संचालक सुखवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में खनिज खदानों की संख्या 7285 है। जिसमें से 4271 खदानों मे कार्य प्रारंभ है। शेष 3014 खदानें शिथिल स्थिति में है। प्रदेश की 1432 रेत की खदानें है, जिनका 125 रूपये प्रति घनमीटर से आरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है। जिलेवार समूह बनाकर ऑनलाइन निविदायें आमंत्रित की जाती हैं जिसमें एक जिले में एक ठेकेदार को ही रेत खनन का अधिकार दिया गया है, जो तीन वर्ष के लिए अनुबंधित होता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, बी.पी.एल परिवार को स्वयं के उपयोग के लिए 10 घनमीटर रेत की उपलब्धता को रायल्टी मुक्त रखा गया है और स्थानीय श्रमिकों का नियोजन अनिवार्य किया गया है। जिससे रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सकेगें। बैठक में सचिव नरेन्द्र परमार, संचालक विनीत कुमार आस्टीन, उप सचिव सरिता बाला, उप सचिव नागवंशी, ई.डी. खनिज निगम दिलीप कुमार एवं सीजीएम खनिज निगम अतुल शर्मा उपस्थित थे।