मध्य्प्रदेश

विधानसभा में होंगे कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष, आज कांग्रेस सचिवालय को भेजेगी चिट्ठी

भोपाल
विपक्ष के नेता को लेकर कांग्रेस में मचा सियासी घमासान अब थम जाएगा. पार्टी ने तय कर लिया है कि विधानसभा में कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष होंगे. कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के नाम की चिट्ठी 15 जुलाई को विधानसभा सचिवालय को भेजेगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री चंद्रप्रभाष शेखर ने जानकारी दी की बुधवार को विधानसभा को चिट्ठी लिखकर विपक्ष के नेता के नाम की जानकारी दी जाएगी. फिलहाल कमलनाथ ही सदन में विपक्ष के नेता होंगे. यह पहले से ही तय था.

कांग्रेस पार्टी में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए खींचतान मची हुई थी. सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर ग्वालियर चंबल के बड़े नेता डॉक्टर गोविंद सिंह का नाम सामने आया था. लेकिन, उनके नाम पर पार्टी के अंदर सहमति न बन पाने के कारण किसी भी तरह के असंतोष को थामने के लिए पार्टी ने सदन में कमलनाथ के चेहरे के सहारे ही जाने की तैयारी की है. पार्टी ने विधानसभा की सबसे मजबूत कार्य मंत्रणा समिति के लिए भी नाम भेजे हैं. इसमें कमलनाथ, डॉक्टर गोविंद सिंह, एनपी प्रजापति, केपी सिंह, कांतिलाल भूरिया, सज्जन सिंह वर्मा का नाम शामिल है. हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक विधानसभा को विशेषाधिकार समिति और दूसरी अन्य महत्वपूर्ण समितियों के लिए किसी सदस्य का नाम नहीं दिया है. विधानसभा में कार्य मंत्रणा समिति ही सदन की कार्यवाही तय करती है.

मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता गंवाने और बीजेपी के सत्ता पर काबिज होने के बाद विधानसभा का मॉनसून सत्र खासा महत्वपूर्ण होगा. पांच दिन के सत्र में राज्य सरकार बाकी अवधि के लिए बजट लाएगी. खबर इस बात को लेकर है कि 21 जुलाई को विधानसभा में बजट पेश होगा. प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा राज्य का बजट पेश करेंगे.

विधानसभा के इस छोटे सत्र में बड़ा हंगामा हो सकता है. प्रदेश में सत्ता पलट के बाद ये पहला सत्र है. इसलिए सत्ता से बेदखल कर विपक्ष में बैठा दिए गए कांग्रेस सदस्य सदन में आक्रामक तेवर अपना सकते हैं. प्रदेश में बने सियासी माहौल और 24 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले विधानसभा के छोटे सत्र में विपक्ष आक्रामक तेवर दिखाते हुए बड़ा रोल अदा करने की तैयारी में है. इसके लिए पार्टी ने कमलनाथ के चेहरे को ही आगे रखने का प्लान तैयार किया है. वो पार्टी के सर्वमान्य और वरिष्ठ नेता हैं. उनके साथ पार्टी विधायक एकजुट होकर सरकार को घेर सकेंगे.

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