मध्य्प्रदेश

MP साहूकार संशोधन विधेयक 2020 लाएगी सरकार, साहूकारों के चंगुल से मुक्त होंगे प्रदेश के आदिवासी

भोपाल
मध्यप्रदेश के आदिवासियों को अब साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराया जाएगा। उन्हें पंद्रह अगस्त 2020 तक के सभी कर्ज ब्याज सहित माफ हो जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक 2020 लाएगी।  वहीं निकायों में महापौर और अध्यक्ष के चुनाव पार्षदों से कराए जाने के पुराने फैसले को भी सरकार पलटेगी अब इनका चयन भी आमजनता के वोटों के जरिए ही होगा। इसके लिए भी नगर पालिका संशोधन विधेयक लाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में इन विधेयकों के मसौदों को मंजूरी प्रदान की गई।

शिवराज कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि साहूकार अब अपनी मर्जी से ब्याज नहीं वसूल सकेंगे। इस पर अब पठानी ब्याज नहीं लगेगा। अपंजीकृत साहूकार पर शिकंजा कसेगा। इसमें 15 अगस्त 2020 तक माफ किया जाएगा।कैबिनेट ने अजजा का ऋण मुक्ति संशोधन विधेयक को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।  अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन पर तीन साल की सजा और एक लाख का जुर्माना करने का फैसला किया गया है। ये विधेयक विधानसभा में लाए जाएंगे।

मंत्रियों के विभाग वितरण के बाद हुई  पहली बैठक में कमलनाथ सरकार के उस फैसले को पलट दिया गया जिसमें नगरीय निकायों में महापौर, नपा अध्यक्ष चुनाव जनता से कराने की बजाय पार्षदों से कराने का फैसला किया था। अब निकाय चुनाव में पार्षद के साथ महापौर व नगर पालिका अध्यक्ष जनता के वोट से ही चुने जाएंगे।  वार्ड सीमा, परिसीमन की कार्यवाही दो माह के बजाय छह माह में की जा सकेगी।
 
सहकारिता विभाग की शीर्ष संस्थओं और  सहकारी बैंकों के अध्यक्ष पदों पर अब सांसद और विधायक प्रशासक और अध्यक्ष तैनात किए जा सकेंगे।इसके लिए सहकारी संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दी गई।  इसके साथ ही लोक सेवा प्रदाय गारंटी संशोधन विधेयक भी लाया गया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी अधिकारी अगर समय सीमा में काम नहीं कर पाता है तो कम्प्यूटर खुद जनरेट कर रिपोर्ट देगा। बैठक में श्रम विधि संशोधन विधेयक और श्रम विधि द्वितीय संशोधन विधेयक के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।

मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार के जिले में माह में कम से कम दो दिन दौरा करने उन्हें वहां रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए है। दौरे के दौरान विभागीय योजनाओं की समीक्षा, निर्माण और जनता के साथ संवाद वे करेंगे। हर सोमवार को मंत्री विभागीय समीक्षा करेंगे और मंगलवार को कैबिनेट बैठक होगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में विभागीय संक्षेपिका का प्रस्तुतिकरण मंत्रीगण स्वयं करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंद्रह अगस्त को वे जनता के सामने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप रखेंगे। मंत्री अपने अधिकारियों, विशेषज्ञों की मदद से इसे तैयार करे। जनता के सुझावों का अध्ययन कर उन्हें भी इसमें शामिल किया जाए।

Back to top button